08 August 2025, मुरादाबाद। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत अब लाभार्थियों का चयन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के माध्यम से होगा। कुल 44,533 आवेदनों की जांच के अंतिम चरण में AI सैटेलाइट इमेजिंग और लोकेशन ट्रैकिंग का इस्तेमाल करके आवेदकों द्वारा अपलोड की गई घरों की तस्वीरों की असलियत जाँची जाएगी। यह तकनीक फर्जीवाड़े को रोकने और असली जरूरतमंदों तक योजना का लाभ पहुँचाने में मददगार साबित होगी। AI आधारित प्रक्रिया से पूरी योजना में पारदर्शिता आएगी और गलत सूचना देने वालों को बाहर किया जाएगा।
मुरादाबाद के जिला प्रशासन ने बताया कि यह कदम ग्रामीण क्षेत्र में योजना के लाभार्थियों का सटीक चुनाव सुनिश्चित करेगा। अब ऐसे फर्जीवाड़े की गुंजाइश नहीं बची कि कोई पहले से पक्का मकान होने के बावजूद कच्चे मकान की फोटो दिखाकर योजना का लाभ हासिल कर सके। जिला स्तर पर प्राथमिक जांच के बाद अंतिम निर्णय AI द्वारा होगा, जिससे वंचित ग्रामीणों को न्यायपूर्ण लाभ मिलेगा।
डिजिटल व AI आधारित प्रक्रिया से योजना में पारदर्शिता
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत आवास प्लस पोर्टल पर दर्ज 44,533 आवेदनों की सत्यता जांच के लिए परंपरागत मानवीय सत्यापन के साथ AI की निगरानी भी होगी। अंतिम चरण में AI सेटेलाइट इमेजिंग और लोकेशन ट्रैकिंग से यह निर्धारित करेगा कि पोर्टल पर अपलोड की गई तस्वीरें वास्तविक हैं या नहीं।
अगर कोई आवेदक पक्के मकान में रहता है और कच्चे मकान की तस्वीर दिखाकर लाभ लेने की कोशिश करता है, तो AI उसे तुरंत पकड़ लेगा। झूठे आवेदनों को निरस्त कर दिया जाएगा। परियोजना निदेशक, डीआरडीए, निर्मल कुमार द्विवेदी के अनुसार, “जांच में कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं जहां लोग पहले से पक्का मकान होने के बावजूद योजना का लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं, जिन्हें सूची से बाहर किया जाएगा।”
यह पूरी प्रक्रिया डिजिटल और निष्पक्ष होगी और अंतिम सूची https://awaasplus.nic.in पोर्टल पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होगी।
तीन चरणों में हो रही जांच
- पहला चरण: ग्राम स्तर पर बनाई गई जांच टीमें, जिनमें सहायक विकास अधिकारी, अवर अभियंता, और बोरिंग टेक्नीशियन शामिल हैं, गांव-गांव जाकर भौतिक सत्यापन कर रही हैं। टीमों को 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट देनी है।
- दूसरा चरण: ब्लॉक रिपोर्ट के आधार पर जिला स्तरीय अधिकारियों की टीम दस्तावेज़ और जमीनी तथ्यों का पुनर्मूल्यांकन करेगी।
- तीसरा चरण (फाइनल): AI तकनीक के जरिए फोटो और लोकेशन का मिलान कर गलत सूचनाएं देने वालों को बाहर किया जाएगा और सही पात्रों को लाभार्थी सूची में शामिल किया जाएगा।
इस तरह की तकनीकी पहल से PM Awas Yojana में नई उम्मीद जगी है कि योजना के तहत सिर्फ असली और पात्र लोग ही लाभान्वित होंगे। झूठे दावेदारों पर यह तकनीक एक कड़ी नजर रखेगी।
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