📍 नई दिल्ली/पटना, 14 अगस्त 2025 | रिपोर्ट: बुंदेलखंड न्यूज़: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एक बार फिर जनसंवाद और जनाधिकार के लिए सड़क पर उतरने को तैयार हैं। इस बार मुद्दा है – वोटरों के अधिकार की रक्षा और लोकतंत्र की बुनियाद को मजबूत करना। राहुल गांधी 17 अगस्त से बिहार में ‘Voter Rights Yatra’ की शुरुआत करेंगे, जो 1 सितंबर को पटना में समापन तक पूरे राज्य के 23 जिलों से होकर गुज़रेगी।
🎯 उद्देश्य: वोट चोरी के खिलाफ निर्णायक लड़ाई
राहुल गांधी ने इस यात्रा को लोकतंत्र और संविधान के मूलभूत सिद्धांत ‘वन मैन, वन वोट’ की रक्षा के लिए “निर्णायक संग्राम” बताया है।
उन्होंने X (पूर्व में Twitter) पर पोस्ट करते हुए कहा:
“17 अगस्त से वोट अधिकार यात्रा के साथ हम बिहार की धरती से वोट चोरी के खिलाफ सीधी लड़ाई छेड़ रहे हैं। यह सिर्फ़ एक चुनावी मुद्दा नहीं – यह लोकतंत्र, संविधान और ‘वन मैन, वन वोट’ के सिद्धांत की रक्षा का निर्णायक संग्राम है।”
“युवा, मजदूर, किसान – हर नागरिक, उठो और इस जनांदोलन से जुड़ो।
अब की बार, वोट चोरों की हार – जनता की जीत, संविधान की जीत।”
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📅 यात्रा की रूपरेखा और जिले
Voter Rights Yatra का आगाज़ पश्चिम चंपारण से होगा और समापन पटना में एक विशाल जनसभा के साथ होगा। राहुल गांधी इस दौरान 23 ज़िलों का दौरा करेंगे, जिनमें शामिल हैं:
- बेतिया
- मोतिहारी
- मधुबनी
- दरभंगा
- समस्तीपुर
- गया
- भागलपुर
- औरंगाबाद
- पटना आदि।
इस यात्रा के दौरान स्थानीय लोगों से सीधे संवाद, जनसभा, पदयात्राएं और मतदाता जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
🗂️ मतदाता सूची विवाद: क्या है पृष्ठभूमि?
बिहार में चुनाव आयोग द्वारा 1 अगस्त को जारी की गई संशोधित वोटर लिस्ट ड्राफ्ट (Special Intensive Revision – SIR) के बाद कई जिलों में वोटर नाम हटाए जाने को लेकर विवाद खड़ा हुआ है।
पटना, मधुबनी, और पूर्वी चंपारण जैसे जिलों में सबसे अधिक नाम हटाए गए हैं।
विपक्ष का आरोप है कि यह राजनीतिक रूप से प्रेरित ‘वोटर डिलिशन’ (Voter Deletion) है, जिससे खास वर्गों को चुनाव प्रक्रिया से बाहर किया जा रहा है।
🧭 राहुल गांधी की रणनीति: जनसंपर्क से जनाधिकार तक
Bharat Jodo Yatra और Bharat Jodo Nyay Yatra के बाद यह राहुल गांधी की तीसरी बड़ी पैदल और जन संवाद यात्रा है।
इस बार फोकस है – लोकतांत्रिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और युवा-मतदाता को अधिकारों के प्रति जागरूक करना।
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, यह यात्रा राहुल गांधी के लिए आगामी 2025 बिहार विधानसभा चुनाव और 2029 लोकसभा चुनाव के लिहाज़ से एक राजनीतिक ग्राउंडवर्क भी बन सकती है।
✍️ संपादकीय टिप्पणी:
Voter Rights Yatra एक ऐसे समय में शुरू हो रही है जब भारत में चुनाव प्रणाली की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं। अगर यह यात्रा जमीनी स्तर पर लोगों से जुड़ पाती है, तो यह ना सिर्फ कांग्रेस के लिए बल्कि लोकतंत्र की बुनियाद के लिए भी एक महत्वपूर्ण पहल बन सकती है।