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ITR Filing 2025: ई-फाइलिंग पोर्टल की तकनीकी दिक्कतें, टैक्सपेयर्स परेशान; बढ़ सकती है डेडलाइन?

On: August 18, 2025
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ITR Filing 2025: ई-फाइलिंग पोर्टल की तकनीकी दिक्कतें, टैक्सपेयर्स परेशान; बढ़ सकती है डेडलाइन?
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नई दिल्ली, 18 अगस्त 2025। ITR Filing 2025भरने का सीजन जैसे-जैसे अपने अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे टैक्सपेयर्स और प्रोफेशनल्स की मुश्किलें भी बढ़ रही हैं। वजह साफ है—Income Tax e-filing portal पर लगातार आ रही तकनीकी गड़बड़ियां। कई चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि पोर्टल का बार-बार स्लो होना और जरूरी यूटिलिटीज का देर से जारी होना टैक्स रिटर्न फाइलिंग की प्रक्रिया को मुश्किल बना रहा है। यही कारण है कि अब बड़े पैमाने पर ITR Filing 2025 की डेडलाइन बढ़ाने की मांग उठने लगी है।


AIS और TIS डाउनलोड न होने से नाराजगी

पिछले सप्ताह बड़ी संख्या में टैक्स प्रोफेशनल्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शिकायत दर्ज कराई कि Annual Information Statement (AIS) और Tax Information Summary (TIS) डाउनलोड के लिए उपलब्ध ही नहीं थे। ये दोनों दस्तावेज रिटर्न फाइलिंग में बेहद अहम माने जाते हैं, क्योंकि इनमें इनकम और टैक्स डिडक्शन का पूरा ब्यौरा होता है। कई प्रोफेशनल्स ने कहा कि मंगलवार और बुधवार को पोर्टल ‘कछुए की चाल’ से चल रहा था, जिससे काम दोगुना समय ले रहा है।

मुंबई के चार्टर्ड अकाउंटेंट चिराग चौहान ने लिखा,
“टैक्सपेयर्स और प्रोफेशनल्स फिलहाल IT पोर्टल पर AIS और TIS एक्सेस नहीं कर पा रहे। सरकार को इस तकनीकी गड़बड़ी पर स्पष्ट जवाब देना चाहिए।”


ITR Filing 2025 और जटिल हुई

टैक्सपेयर्स के लिए मुश्किलें सिर्फ पोर्टल तक सीमित नहीं हैं। इस बार जारी हुए नए ITR फॉर्म्स में कई अतिरिक्त डिटेल्स मांगी जा रही हैं। जैसे—

  • हाउस रेंट अलाउंस (HRA) क्लेम करने के लिए मकान मालिक का PAN और प्रॉपर्टी का पूरा पता भरना अनिवार्य हो गया है।
  • इंश्योरेंस प्रीमियम पर डिडक्शन पाने के लिए अब पॉलिसी नंबर देना जरूरी कर दिया गया है।

विशेषज्ञों का कहना है कि इन नए नियमों से रिटर्न तैयार करने में पहले से लगभग दोगुना समय लग रहा है।

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एक्सपर्ट्स की अपील: सिर्फ ITR ही नहीं, बाकी डेडलाइन भी बढ़े

दिल्ली और मुंबई के कई सीए ने कहा कि सरकार को केवल ITR Filing 2025 की नहीं बल्कि अन्य सभी फाइलिंग की समयसीमा बढ़ानी चाहिए।

  • टैक्स ऑडिट
  • कंपनी लॉ ऑडिट / ROC फाइलिंग
  • GST एनुअल रिटर्न

सीए हिमांक सिंगला ने कहा, “सिर्फ ITR की डेडलाइन बढ़ाना पर्याप्त नहीं होगा। ऑडिट और ROC की डेडलाइन भी आगे बढ़नी चाहिए, ताकि आखिरी वक्त की अफरातफरी से बचा जा सके।”


ITR Filing 2025: मौजूदा डेडलाइन और यूटिलिटी की दिक्कत

वर्तमान नियमों के अनुसार, नॉन-ऑडिट केस के लिए ITR फाइल करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर 2025 तय की गई है। सरकार ने पहले ही यह तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर कर दी थी। लेकिन प्रोफेशनल्स का कहना है कि यह राहत पर्याप्त नहीं है क्योंकि कई यूटिलिटीज बहुत देर से जारी हुईं।

  • ITR-5 की यूटिलिटी 9 अगस्त को जारी हुई।
  • ITR-6 और ITR-7 की यूटिलिटीज अभी भी लंबित हैं।

गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (GCCI) ने औपचारिक रूप से CBDT से अपील की है कि समयसीमा बढ़ाई जाए, क्योंकि टैक्सपेयर्स को तैयारी के लिए वास्तविक समय बेहद कम मिला है।


ITR पोर्टल की प्रमुख तकनीकी गड़बड़ियां

टैक्सपेयर्स और सीए संगठनों की शिकायतों में कुछ आम समस्याएं बार-बार सामने आ रही हैं:

  • ITR और टैक्स ऑडिट फॉर्म अपलोड करते समय सिस्टम एरर
  • फॉर्म 26AS, AIS और TIS डेटा में असंगति—एक ही PAN पर अलग-अलग आंकड़े।
  • वेबसाइट का स्लो रिस्पॉन्स, पेज टाइमआउट और पीक आवर्स में लॉगिन फेल होना।
  • यूटिलिटी कम्पैटिबिलिटी की दिक्कत—नए यूटिलिटी को स्थिर होने से पहले कई बार अपडेट करना पड़ रहा है।

टैक्सपेयर्स की उम्मीद: डेडलाइन में राहत

सरकार ने भले ही कुछ समय पहले डेडलाइन बढ़ाई हो, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि मौजूदा परिस्थितियों में फिर से विस्तार देना जरूरी हो गया है। क्योंकि जब पोर्टल सही से काम ही नहीं कर रहा, तो लाखों टैक्सपेयर्स से समय पर रिटर्न भरने की उम्मीद करना उचित नहीं है।


ITR Filing 2025: निष्कर्ष

कुल मिलाकर, ITR Filing 2025 फिलहाल टैक्सपेयर्स और प्रोफेशनल्स दोनों के लिए चुनौती साबित हो रही है। तकनीकी गड़बड़ियां, नई जटिलताओं वाले फॉर्म और देर से जारी यूटिलिटीज ने मिलकर स्थिति को मुश्किल बना दिया है। अब सबकी निगाहें केंद्र सरकार और CBDT पर हैं कि क्या वे डेडलाइन बढ़ाकर टैक्सपेयर्स को राहत देंगे या मौजूदा समयसीमा को ही अंतिम मानेंगे।

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