लखनऊ/प्रयागराज (20 अगस्त 2025): उत्तर प्रदेश की सियासत में बड़ा मोड़ उस समय आया जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मऊ सदर विधानसभा सीट से विधायक अब्बास अंसारी को Hate Speech Case में मिली दो साल की सजा पर रोक लगा दी। इस फैसले के बाद उनकी विधायकी बहाल हो गई है और अब मऊ सदर सीट पर उपचुनाव की संभावना भी खत्म हो गई है।
हाईकोर्ट का अहम आदेश
न्यायमूर्ति समीर जैन की एकल पीठ ने यह आदेश सुनाते हुए कहा कि मऊ की एमपी/एमएलए विशेष अदालत द्वारा सुनाई गई सजा पर रोक लगाई जाती है। कोर्ट ने अब्बास अंसारी की याचिका को स्वीकार कर लिया जिसमें उन्होंने निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी।
तीन मार्च 2022 को दर्ज हुआ था मुकदमा
गौरतलब है कि तीन मार्च 2022 को विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान एक जनसभा में दिए गए कथित भड़काऊ भाषण को लेकर अब्बास अंसारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। अभियोजन पक्ष के अनुसार, उस समय उन्होंने मंच से जिला प्रशासन को चुनाव के बाद “हिसाब करने और सबक सिखाने” की बात कही थी। इसे आचार संहिता का उल्लंघन और नफरत फैलाने वाला भाषण माना गया।
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एमपी/एमएलए कोर्ट का फैसला
मामले की सुनवाई करते हुए मऊ की एमपी/एमएलए विशेष अदालत ने 31 मई 2025 को अब्बास अंसारी को Hate Speech Case में दोषी ठहराया और दो साल कैद की सजा सुनाई। साथ ही उन पर 11 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। उनके साथी मंसूर अंसारी को भी छह माह की सजा और एक हजार रुपये अर्थदंड मिला।
Hate Speech Case: विधायकी हुई थी खत्म
इस फैसले के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने एक जून 2025 को उनकी सदस्यता समाप्त कर दी थी। यहां तक कि रविवार को विशेष तौर पर विधानसभा सचिवालय खोलकर आदेश जारी किया गया और सीट को रिक्त घोषित किया गया। इसके बाद से ही मऊ सदर सीट पर उपचुनाव की तैयारी शुरू हो गई थी।