लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) से निष्कासित विधायक पूजा पाल और सपा मुखिया अखिलेश यादव के बीच जुबानी जंग लगातार गरमाती जा रही है। पूजा पाल ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि जितना खर्च ट्रोल पर किया जा रहा है, उसका एक हिस्सा भी अगर पार्टी अपने कार्यकर्ताओं की भलाई और महिला सम्मान के लिए खर्च करती, तो बेहतर होता।
जुबानी जंग और राजनीति का नया मोड़
रविवार को सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने पूजा पाल के आरोपों की जांच की मांग की थी। इसके बाद राजनीति में हलचल मच गई। अखिलेश यादव ने बयान दिया था कि बीजेपी वाले उन्हें मरवा देंगे और हमें जेल हो जाएगी, जिससे माहौल और भी गर्म हो गया। अब पूजा पाल ने बिना किसी का नाम लिए इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
पूजा पाल ने सपा को निशाने पर लिया
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए पूजा पाल ने X (Twitter) पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “अगर जितना खर्च ट्रोल पर किया जा रहा है, उसका थोड़ा हिस्सा भी अपने कार्यकर्ताओं के लिए महिला सम्मान की पाठशाला आयोजित करने पर खर्च किया जाता, तो शायद समाज को कुछ बेहतर संस्कार मिलते।” इस बयान से साफ है कि पूजा पाल अखिलेश यादव की आलोचना करना नहीं छोड़ रही हैं।
सपा से निष्कासन और बीजेपी का समर्थन
कौशांबी जिले की चायल सीट से विधायक पूजा पाल को सपा ने उस समय निष्कासित किया था, जब उन्होंने विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की थी। इसके बाद से राजनीति में एक नई हलचल शुरू हो गई है, और बीजेपी ने पूजा पाल का समर्थन करते हुए अखिलेश यादव को निशाने पर लिया है।
केशव मौर्य का बयान
सपा की राजनीतिक चालों पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी तंज कसा है। मौर्य ने कहा, “जो सपा मुसलमान वोटों के लालच में पीडीए का राग अलापती है, वह यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री श्रद्धेय कल्याण सिंह की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देना भूल जाती है। सपा के लिए दलितों और पिछड़ों का मान-मर्दन करना आम बात हो गई है।”
मौर्य ने कहा कि सपा की पहचान माफिया, अपराधियों और गुंडागर्दी के साथ जुड़ी हुई है।
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पूजा पाल की भविष्यवाणी: बीजेपी में हो सकती हैं शामिल
अब चर्चा यह भी है कि पूजा पाल जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकती हैं और उन्हें यूपी सरकार के मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण स्थान मिल सकता है। बीजेपी के बढ़ते समर्थन को देखते हुए यह संभावना जताई जा रही है कि पूजा पाल भविष्य में सपा की राजनीति से बाहर निकलकर बीजेपी के साथ जुड़ सकती हैं।