आगरा (10 सितंबर 2025) – यमुना में आए बाढ़ के उफान ने ताजनगरी को संकट में डाल दिया है। हालात इतने गंभीर हैं कि ताजमहल के पिछवाड़े का गार्डन जलमग्न हो चुका है और यमुना की धार सीधे ऐतिहासिक दीवार को छूकर बह रही है। Agra Flood Alert जारी होने के बाद हजारों लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं, जबकि संरक्षित स्मारक और मोक्षधाम पानी में डूब चुके हैं।
ताजमहल की दीवार तक पहुंचा पानी
मंगलवार को महताब बाग और ताज व्यू प्वाइंट पूरी तरह जलमग्न हो गए। दोनों जगहों पर पर्यटकों का प्रवेश बंद कर दिया गया। आगरा किले की खाई और एत्माउद्दौला स्मारक के यमुना की ओर बने 12 कमरों में भी पानी भर गया है।
ताजमहल के पश्चिमी गेट की पार्किंग और खान-ए-आलम नर्सरी डूब चुकी है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने फिलहाल बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन रोक दिया है और जलस्तर घटने का इंतजार कर रहा है।
100 से ज्यादा कॉलोनियां जलमग्न
शहर की 100 से अधिक कॉलोनियों में पानी घुस चुका है। राहत शिविरों में हजारों लोग शरण ले रहे हैं। यमुना एक्सप्रेसवे और लखनऊ एक्सप्रेसवे से ताजमहल आने वाले पर्यटकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्ट्रेची ब्रिज के नीचे चार फीट तक पानी भरा है, जिससे कई वाहन डूब गए।
Agra Flood Alert से पर्यटन को झटका
पर्यटन स्थलों के डूबने से विभागों को भारी नुकसान हो रहा है।
- महताब बाग का टिकट भारतीय पर्यटकों के लिए 20 रुपये और विदेशी पर्यटकों के लिए 200 रुपये है।
- ताज व्यू प्वाइंट का टिकट भारतीयों के लिए 50 रुपये और विदेशियों के लिए 200 रुपये है।
दोनों स्मारकों के बंद होने से न केवल आगरा विकास प्राधिकरण और एएसआई को आर्थिक झटका लगा है, बल्कि पर्यटक संख्या में भी अचानक गिरावट दर्ज की गई।
सड़क किनारे जलनी पड़ीं चिताएं
बाढ़ की सबसे मार्मिक तस्वीर अंतिम संस्कार स्थलों से सामने आई। पोइया घाट का मोक्षधाम और विद्युत शवदाह गृह पूरी तरह डूब चुके हैं। खासपुर, जगनपुर, सिकंदरपुर, दयालबाग और स्वामीबाग सहित 50 से ज्यादा गांवों के लोग यहां अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार करते थे।
अब हालात यह हैं कि चिता स्थल पानी में डूब जाने के कारण लोगों को सड़क किनारे चिताएं जलानी पड़ रही हैं। मंगलवार को हीराबाग निवासी एक परिवार अपने स्वजन की अर्थी लेकर मोक्षधाम पहुंचा, लेकिन पानी भरा देख सड़क पर ही लकड़ी मंगवाकर चिता सजानी पड़ी।
इतिहास दोहरा रही है यमुना
यह पहली बार नहीं है जब बाढ़ ने आगरा की धरोहरों को खतरे में डाला हो। 2023 में यमुना के उफान से जोहरा बाग का एक बड़ा हिस्सा ढह गया था। संरक्षण में लापरवाही के चलते यह स्मारक अब खंडहर में तब्दील हो चुका है। अब महताब बाग और आगरा किला भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।
निष्कर्ष
Agra Flood Alert ने साफ कर दिया है कि प्राकृतिक आपदा केवल आम लोगों की जिंदगी ही नहीं, बल्कि विश्व धरोहर ताजमहल जैसे स्मारकों के लिए भी गंभीर खतरा है। प्रशासन की चुनौती अब सिर्फ राहत और बचाव तक सीमित नहीं, बल्कि इन ऐतिहासिक धरोहरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी है।