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शिक्षकों के नवाचारों को मिला Udgam Portal का मंच, बच्चों की पढ़ाई हुई मजेदार

On: September 12, 2025
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शिक्षकों के नवाचारों को मिला Udgam Portal का मंच, बच्चों की पढ़ाई हुई मजेदार
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लखनऊ, 12 सितंबर 2025। उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा का स्वरूप तेजी से बदल रहा है। अब किताबों तक सीमित पढ़ाई बच्चों के लिए खेल, प्रयोग और तकनीक के जरिये रोचक अनुभव बन गई है। इस बदलाव की वजह है शिक्षकों के अनूठे नवाचार, जिन्हें राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) ने Udgam Portal के जरिये मंच दिया है। इस पोर्टल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षक दिवस पर लॉन्च किया।

नवाचारों का मंच बना Udgam Portal

Udgam (Unifying Development of Great Academic Minds) Portal का उद्देश्य शिक्षकों के नए प्रयोगों और नवाचारों को पूरे प्रदेश में साझा करना है। यहां वे अपने प्रयास अपलोड कर सकते हैं, जिससे अन्य विद्यालय भी उनसे सीखकर बच्चों की पढ़ाई को और बेहतर बना सकें।

शाहजहांपुर: दिव्यांग बच्चों के लिए अनोखी गतिविधि

शाहजहांपुर के प्राथमिक विद्यालय अजीजपुर की सहायक अध्यापिका माला सिंह ने दिव्यांग बच्चों के लिए एक विशेष खेल शुरू किया – “घंटी बजाओ, सिक्का उठाओ”। इस गतिविधि में बच्चों को चावल से भरे कटोरे में रखे सिक्के निकालते समय घंटी बजानी होती थी। इस अभ्यास से उनके दोनों हाथों का तालमेल बेहतर हुआ, एकाग्रता बढ़ी और पेंसिल पकड़ने की क्षमता मजबूत हुई।

सिद्धार्थनगर: पौधों पर लगाए गए QR कोड

सिद्धार्थनगर के उच्च प्राथमिक विद्यालय जखौली के सहायक अध्यापक अभिषेक कुमार ने तकनीक और पर्यावरण को जोड़ते हुए नया प्रयोग किया। बच्चों ने पेड़ों-पौधों पर शोध कर 300 शब्दों में जानकारी लिखी और उसका QR कोड बनाकर पौधों पर चस्पा किया। अब कोई भी बच्चा मोबाइल से स्कैन कर पौधों की जानकारी तुरंत पा सकता है।

विज्ञान पढ़ाने का नया तरीका

विज्ञान विषय में भी एक शिक्षक ने बच्चों को वायुदाब समझाने के लिए छेद वाली बोतल से पानी रोकने का प्रयोग दिखाया। बच्चों ने उत्सुकता से सीखा कि वायुमंडलीय दाब किस तरह काम करता है।

बच्चों की रुचि और नामांकन में बढ़ोतरी

SCERT के संयुक्त निदेशक पवन सचान के मुताबिक, Udgam Portal शिक्षकों को अपने प्रयास साझा करने का अवसर देता है। इसमें नामांकन बढ़ाने, उपस्थिति सुधारने, खेलकूद, मूल्यांकन, स्वास्थ्य, पर्यावरण और ICT आधारित शिक्षण जैसे नवाचार शामिल किए जा सकते हैं।
इन प्रयासों से बच्चों की पढ़ाई में रुचि बढ़ रही है और नामांकन में भी इजाफा देखा जा रहा है। अब गांव-देहात के बच्चे भी पढ़ाई को सिर्फ बोझ नहीं, बल्कि एक मजेदार और आनंददायक अनुभव मान रहे हैं।

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