लखनऊ (13 सितम्बर 2025, शनिवार): उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के चार लाख से अधिक आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत का रास्ता खोल दिया है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम (UP Outsourcing Corporation) के गठन की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो गई है। मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सचिवालय प्रशासन विभाग को निर्देश दिया है कि निगम का रजिस्ट्रेशन कंपनीज एक्ट-2013 के तहत जल्द से जल्द कराया जाए।
कर्मचारियों के लिए फायदे
इस निगम के गठन के बाद राज्य में कार्यरत लाखों आउटसोर्स कर्मचारियों को न सिर्फ बेहतर वेतन मिलेगा, बल्कि ईएसआई, ईपीएफ, स्वास्थ्य और बीमा योजनाओं का लाभ भी सीधे तौर पर मिल सकेगा। अब तक ठेकेदारों या निजी एजेंसियों के जरिए काम कर रहे कर्मचारियों को स्थायित्व और पारदर्शिता की बड़ी सुविधा मिलने जा रही है।
मुख्य सचिव ने सचिवालय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव अमित घोष को निर्देशित किया है कि कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराने के साथ ही चार्टर्ड अकाउंटेंट भी नियुक्त किया जाए।
विभागों को दिए गए निर्देश
शुक्रवार शाम आयोजित समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव ने विभागीय अधिकारियों से कहा कि वे निगम के मसौदे का गहन अध्ययन करें। यदि किसी विभाग को इसमें कोई व्यावहारिक दिक्कत लगती है, तो समय रहते सरकार को अवगत कराएं।
गौरतलब है कि 2 सितंबर को कैबिनेट ने UP Outsourcing Corporation के गठन संबंधी प्रस्ताव को स्वीकृति दी थी। यह कंपनी पब्लिक लिमिटेड मॉडल पर काम करेगी।
भर्ती और सेवा प्रक्रिया में पारदर्शिता
निगम बनने के बाद विभागों को आवश्यकता के अनुरूप कर्मचारियों की मांग सीधे निगम से करने की सुविधा होगी। इससे न केवल भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी होगी, बल्कि पहले से काम कर रहे आउटसोर्स कर्मचारियों को भी मानदेय में बढ़ोतरी और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ मिलेगा।
रोजगार और सुरक्षा की नई राह
यूपी सरकार का यह कदम राज्य में कार्यरत लाखों आउटसोर्स कर्मियों के लिए आर्थिक सुरक्षा और पेशेवर स्थिरता की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा। जहां अब तक ठेकेदारों और मध्यस्थ एजेंसियों के जरिए नियुक्तियां होती रही हैं, वहीं इस नए निगम के जरिए कर्मचारियों को प्रत्यक्ष रूप से सरकार से जुड़ने का अवसर मिलेगा।
निष्कर्ष
UP Outsourcing Corporation का गठन न केवल चार लाख से अधिक कर्मचारियों के जीवन स्तर को सुधारने वाला है, बल्कि इससे प्रदेश में आउटसोर्सिंग प्रणाली को एक नई दिशा भी मिलेगी। वेतन, बीमा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं की गारंटी से कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ेगी और विभागों को भी आवश्यक सेवाएं समय पर मिल सकेंगी।