लखनऊ, 15 सितम्बर 2025 – उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) ने प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (PET) 2025 की Provisional UPSSSC PET Answer Key 2025 जारी कर दी है। आयोग ने उम्मीदवारों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि उन्हें किसी प्रश्न या उत्तर में त्रुटि लगती है तो वे 17 सितंबर तक आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। इस तारीख के बाद पोर्टल का लिंक अपने आप बंद हो जाएगा और कोई भी शिकायत स्वीकार नहीं की जाएगी।
17 सितंबर तक ही मिलेगा मौका
परीक्षा में शामिल लाखों उम्मीदवार अब अपनी उत्तर पुस्तिकाओं को आंसर-की से मिलाकर देख रहे हैं। आयोग ने कहा है कि आपत्तियां केवल ऑनलाइन माध्यम से ही दर्ज होंगी और प्रत्येक प्रश्न पर ₹100 शुल्क लगेगा। आपत्ति दर्ज कराने के लिए उम्मीदवारों को आधिकारिक वेबसाइट upsssc.gov.in पर जाकर लॉगिन करना होगा।
UPSSSC PET Answer Key Objection: जरूरी नियम
- प्रति प्रश्न आपत्ति शुल्क: ₹100
- आपत्तियां केवल ऑनलाइन स्वीकार होंगी
- संबंधित दस्तावेज़ (PDF, अधिकतम 5MB) अपलोड करना अनिवार्य
- डाक, ईमेल या किसी अन्य माध्यम से भेजी गई आपत्तियां मान्य नहीं होंगी
आयोग का कहना है कि अभ्यर्थियों को अपने आपत्तियों के समर्थन में विश्वसनीय प्रमाण संलग्न करने होंगे। इस प्रक्रिया का उद्देश्य केवल परीक्षा की पारदर्शिता बनाए रखना है।
परीक्षा कब हुई थी?
PET 2025 की लिखित परीक्षा 6 और 7 सितंबर को प्रदेश के 48 जिलों में चार पालियों में आयोजित की गई थी। लाखों उम्मीदवारों ने इसमें हिस्सा लिया। पेपर पैटर्न के अनुसार हर सही उत्तर पर 1 अंक मिलेगा जबकि गलत जवाब के लिए 0.25 अंक काटे जाएंगे। कुल 100 प्रश्न पूछे गए थे।
आपत्ति दर्ज करने की स्टेप-बाय-स्टेप गाइड
- आधिकारिक वेबसाइट upsssc.gov.in पर जाएं।
- Important Announcement सेक्शन में दिए गए PET Answer Key लिंक पर क्लिक करें।
- अपनी परीक्षा तिथि और शिफ्ट के अनुसार आंसर-की चुनें।
- लॉगिन करने के लिए रजिस्ट्रेशन नंबर, रोल नंबर और जन्मतिथि भरें।
- जिस प्रश्न पर आपत्ति है, उसका नंबर और कारण लिखें।
- प्रति प्रश्न ₹100 शुल्क ऑनलाइन जमा करें।
- आवश्यक दस्तावेज की PDF अपलोड करें और सबमिट पर क्लिक करें।
उम्मीदवारों को सलाह
विशेषज्ञों का मानना है कि उम्मीदवारों को जल्दबाजी में आपत्ति नहीं करनी चाहिए। पहले वे अपने उत्तर और आयोग की आंसर-की को ध्यान से जांचें और फिर प्रमाण सहित ही आपत्ति दर्ज करें। कई बार देखा गया है कि बिना ठोस कारण के आपत्ति करने से समय और पैसे दोनों का नुकसान होता है।