पुराने e-challan निरस्त, फिटनेस और परमिट जैसी सेवाओं से हटेगा अवरोध
लखनऊ, मंगलवार, 16 सितंबर 2025: उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने मंगलवार को ऐसा निर्णय लिया, जिसे सुनकर लाखों वाहन मालिकों ने राहत की सांस ली। विभाग ने घोषणा की कि 2017 से 2021 के बीच काटे गए सभी e-challan अब माफ कर दिए जाएंगे। इससे उन लोगों को सीधी राहत मिलेगी, जिनकी गाड़ियां चालान के कारण फिटनेस, परमिट या ट्रांसफर जैसी सेवाओं में अटकी हुई थीं।
सरकारी आदेश के मुताबिक, ऐसे चालान अब पोर्टल पर दो श्रेणियों में दिखेंगे— “Disposed – Abated” (यदि मामला कोर्ट में लंबित था) और “Closed – Time-Bar” (यदि दफ्तर में अटका था और समय-सीमा समाप्त हो चुकी थी)। यानी वाहन मालिकों के लिए अब यह झंझट खत्म होगा। हालांकि, ध्यान देने वाली बात यह है कि टैक्स से जुड़े चालान इस माफी के दायरे से बाहर रहेंगे।
कितने चालान होंगे माफ
परिवहन विभाग के आंकड़े बताते हैं कि 2017 से 2021 के बीच कुल 30,52,090 e-challan काटे गए थे। इनमें से 12,93,013 चालान अब तक लंबित थे, जबकि 17,59,077 पहले ही निपटाए जा चुके थे। इस फैसले के बाद लंबित चालान अपने-आप निरस्त माने जाएंगे। अगले एक महीने के भीतर इन सभी चालानों की स्थिति पोर्टल पर अपडेट कर दी जाएगी, ताकि वाहन मालिक आसानी से अपना स्टेटस देख सकें।
वाहन मालिकों को क्या करना होगा
- यदि आपका चालान 2017–2021 का है और अभी पोर्टल पर पेंडिंग दिख रहा है, तो एक महीने बाद e-challan पोर्टल पर उसका स्टेटस चेक करें।
- कोर्ट में लंबित मामले “Disposed – Abated” की श्रेणी में आएंगे और सभी ब्लॉकेज हट जाएंगे।
- टैक्स वाले चालान इस राहत के बाहर हैं, इसलिए उन पर कानून के मुताबिक ही कार्यवाही होगी।
- जरूरत पड़ने पर हेल्पलाइन 149 या नजदीकी RTO/ARTO दफ्तर से संपर्क किया जा सकता है।
क्यों लिया गया यह निर्णय
विभाग ने स्पष्ट किया कि केवल वे चालान माफ किए जाएंगे जो 31 दिसंबर 2021 तक कोर्ट में लंबित थे, या फिर समय-सीमा निकल चुकी है। वहीं, टैक्स से जुड़े मामले, गंभीर अपराध, दुर्घटना या IPC से संबंधित चालान इस दायरे से बाहर रखे गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि इस कदम का मकसद कानून-व्यवस्था बनाए रखते हुए जनता को अनावश्यक चालानों और ब्लॉकों से राहत देना है।
पारदर्शिता के लिए डैशबोर्ड रिपोर्ट
परिवहन विभाग ने यह भी बताया कि अगले 30 दिनों के भीतर सभी पेंडिंग चालानों की स्थिति पोर्टल पर क्लियर हो जाएगी। हर हफ्ते एक डैशबोर्ड पर प्रगति रिपोर्ट भी जारी की जाएगी, ताकि प्रक्रिया पारदर्शी बनी रहे। एनआईसी (नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर) पोर्टल में तकनीकी बदलाव कर रहा है, जिससे यह सुनिश्चित हो कि वाहन मालिकों को सही और समय पर जानकारी मिल सके।