पंजीकरण प्रक्रिया जारी, समर्थन मूल्य पर सरकार ने किसानों को दी राहत
लखनऊ (20 सितम्बर 2025, शनिवार) — उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए राहत की बड़ी खबर आई है। राज्य सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए धान खरीद की तारीखें घोषित कर दी हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में धान की खरीद 1 अक्टूबर से शुरू होगी, जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश में यह प्रक्रिया 1 नवंबर से आरंभ होगी। सरकार ने इस साल धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP for paddy) भी बढ़ा दिया है। कॉमन धान के लिए ₹2369 और ग्रेड-ए धान के लिए ₹2389 प्रति कुंतल तय किया गया है।
कब और कहाँ होगी खरीद?
धान खरीद की समयसीमा इस बार क्षेत्रवार तय की गई है।
- पश्चिमी उत्तर प्रदेश: 1 अक्टूबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक।
इसमें मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, आगरा, अलीगढ़, झांसी संभाग शामिल होंगे। इसके अलावा लखनऊ संभाग के हरदोई, लखीमपुर खीरी और सीतापुर जनपद भी इसी अवधि में शामिल हैं। - पूर्वी उत्तर प्रदेश: 1 नवंबर 2025 से 28 फरवरी 2026 तक।
इसमें चित्रकूट, कानपुर, अयोध्या, गोरखपुर, देवीपाटन, बस्ती, आजमगढ़, वाराणसी, मीरजापुर और प्रयागराज संभाग के जिले शामिल हैं। साथ ही लखनऊ संभाग के लखनऊ, रायबरेली और उन्नाव जिले भी इस अवधि में कवर होंगे।
पंजीकरण है अनिवार्य
धान की बिक्री केवल उन्हीं किसानों से होगी जिन्होंने पूर्व पंजीकरण करा रखा है। इसके लिए पोर्टल fcs.up.gov.in और मोबाइल ऐप UP Kisan Mitra उपलब्ध कराए गए हैं। 1 सितंबर से यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और 20 सितंबर तक करीब 10,000 किसानों ने पंजीकरण करा लिया है।
सरकार ने इस बार OTP आधारित सिंगल रजिस्ट्रेशन सिस्टम लागू किया है। किसान अपने मोबाइल पर प्राप्त ओटीपी भरकर आसानी से पंजीकरण कर सकते हैं।
MSP for paddy और भुगतान की व्यवस्था
सरकार ने इस बार धान की खरीद पर किसानों को सीधा लाभ पहुंचाने की व्यवस्था की है।
- भुगतान सीधे आधार-लिंक्ड बैंक खाते में किया जाएगा।
- बिचौलियों पर रोक के लिए ई-पॉइंट ऑफ परचेज (e-POP) डिवाइस का इस्तेमाल होगा।
- किसानों का बायोमीट्रिक सत्यापन अनिवार्य रहेगा।
खाद्य एवं रसद विभाग ने किसानों के लिए हेल्पलाइन नंबर 18001800150 भी जारी किया है। इसके अलावा किसान अपने जिले के खाद्य विपणन अधिकारी, तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी या ब्लॉक के विपणन निरीक्षक से भी संपर्क कर सकते हैं।
किसानों के लिए राहत की उम्मीद
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ा हुआ MSP for paddy किसानों के लिए बड़ी राहत है, खासकर तब जब खेती की लागत लगातार बढ़ रही है। इससे धान उत्पादक किसानों को सीधा फायदा मिलेगा और सरकारी खरीद केंद्रों पर पारदर्शिता भी बनी रहेगी।
प्रदेश सरकार को उम्मीद है कि इस बार पंजीकृत किसानों की संख्या लाखों में पहुंचेगी और समर्थन मूल्य पर बड़ी मात्रा में धान की खरीद होगी।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश सरकार ने जिस पारदर्शी व्यवस्था के तहत इस साल धान खरीद की रूपरेखा तैयार की है, उससे न सिर्फ बिचौलियों की भूमिका सीमित होगी, बल्कि किसानों को समय पर भुगतान भी मिलेगा। MSP for paddy में हुई वृद्धि से किसानों की आय में बढ़ोतरी की संभावना है। आने वाले महीनों में यह देखना अहम होगा कि यह व्यवस्था जमीनी स्तर पर कितनी प्रभावी साबित होती है।