लखनऊ (Sat, 20 Sep 2025) – उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो (UPITS 2025) इस बार सिर्फ व्यापार का मेला नहीं, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और कारीगरी का ग्लोबल मंच बनने जा रहा है। हॉल नंबर 9 में लगने वाला ODOP (One District One Product) Pavilion इस बात का जीवंत उदाहरण है कि कैसे लोकल उत्पाद अंतरराष्ट्रीय पहचान पा सकते हैं और स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा दे सकते हैं।
इस पवेलियन में पूरे प्रदेश के 343 स्टॉल्स सजे होंगे, जिनमें हर जिले की अपनी विशिष्टता और कहानी उसके सिग्नेचर प्रोडक्ट के जरिए नजर आएगी। यह मंच पारंपरिक कला, आधुनिक डिजाइन और नवाचार का संगम प्रस्तुत करेगा, जिससे “Local to Global” का सपना साकार होता दिखेगा।
लोकल से ग्लोबल का सफर
भदोही के कालीन अपनी बारीक बुनाई और डिज़ाइन के कारण विश्वभर में प्रसिद्ध हैं, वहीं फिरोजाबाद की कांच की कारीगरी पारंपरिक चमक और आधुनिक शैली का अनूठा मिश्रण पेश करेगी। मुरादाबाद का मेटलवेयर पहले से ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में लोकप्रिय है, और सहारनपुर की लकड़ी की नक्काशी भारतीय कारीगरों की बेजोड़ कला को सामने लाएगी।
ये उत्पाद केवल जिलों की पहचान ही नहीं, बल्कि “Local to Global” की अवधारणा को वास्तविक रूप देते हैं। यह पवेलियन दर्शकों को यह समझने का अवसर भी देगा कि हर उत्पाद केवल वस्तु नहीं, बल्कि वहां की संस्कृति, इतिहास और समाज का दर्पण है।
ग्लोबल मार्केटप्लेस जैसा अनुभव
ODOP Pavilion को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह एक ग्लोबल मार्केटप्लेस का अनुभव देगा। यहाँ परंपरा, नवाचार और उत्कृष्टता एक ही छत के नीचे देखने को मिलती है। प्रदर्शनी में आए लोग न सिर्फ उत्पादों की विविधता देख सकेंगे, बल्कि स्टार्टअप्स, डिज़ाइनर्स और इंटरनेशनल बायर्स के साथ नेटवर्किंग और व्यापारिक अवसरों का लाभ भी उठा सकेंगे।
योगी सरकार का मानना है कि यह पहल स्थानीय उद्योगों और कारीगरों को सीधे वैश्विक मंच तक पहुँचाएगी, जिससे उनकी पहचान और आमदनी दोनों बढ़ेंगे।
सस्टेनेबिलिटी और इनोवेशन पर जोर
इस बार ODOP Pavilion में सस्टेनेबिलिटी और इनोवेशन पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। पारंपरिक शिल्प को आधुनिक डिजाइन के साथ जोड़कर नई संभावनाओं का पता लगाया जाएगा। इससे न केवल कारीगर आधुनिक बाजार की जरूरतों को पूरा कर पाएंगे, बल्कि पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए टिकाऊ उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा।
जिलेवार आकर्षण के केंद्र
- फिरोजाबाद: ग्लास आर्ट
- हाथरस: हींग
- हापुड़: हैंडलूम बेडशीट, टेक्सटाइल फर्निशिंग
- गौतमबुद्ध नगर: टेक्सटाइल, ज्वेलरी
- मुरादाबाद: मेटल फर्नीचर
- बरेली: जरी जरदोजी
- आगरा: लेदर एसेसरीज
- मेरठ: स्पोर्ट्स प्रोडक्ट्स, मसाले
- कन्नौज: इत्र, इसेंशियल ऑयल
- कानपुर देहात: पीई पाइप्स
- वाराणसी: सिल्क और बनारसी साड़ी
- बाराबंकी: हैंडलूम
- कानपुर: लेदर प्रोडक्ट्स, सैडलरी गुड्स
- चित्रकूट: लकड़ी के खिलौने
- सीतापुर: हैंडलूम दरी
- बुलंदशहर: खुर्जा पॉटरी, सेरेमिक ज्वेलरी
- भदोही और मिर्जापुर: कालीन
- गाजियाबाद: इंजीनियरिंग गुड्स
- लखनऊ: हैंडीक्राफ्ट चिकन इंब्रॉयडर्ड गारमेंट्स
- फतेहपुर: आयरन चूल्सा
- एटा: घुंघरू, घंटी और अन्य ब्रास
- मैनपुरी: ताकशी आर्ट
- फर्रूखाबाद: जरी जरदोजी
- संत कबीरनगर: होजरी
- जौनपुर: ऊनी दरी
- प्रतापगढ़: आमला प्रोडक्ट्स
- संभल: रेशम आर्ट
- पीलीभीत: वुड प्रोडक्ट
- आजमगढ़: सिल्क साड़ी
- बागपत: हैंडलूम
- औरैया: देसी घी और मिल्स प्रोडक्ट्स
- अमेठी: मूंज प्रोडक्ट
- झांसी: सॉफ्ट टॉयज
- कुशीनगर: केला
- अलीगढ़: ताले और मेटल हैंडीक्राफ्ट
- सुल्तानपुर: मूंज क्राफ्ट
- सहारनपुर: वुडेन किचनवेयर
- प्रयागराज: मूंज क्रॉफ्ट, अचार
- मथुरा: ठाकुर जी की पोशाक
हर स्टॉल सिर्फ उत्पाद नहीं, बल्कि उत्सव की तरह जीवंत संस्कृति और जिले की कहानी कहेगा।
UPITS 2025 का ODOP Pavilion दर्शकों और व्यापारियों दोनों के लिए लोकल से ग्लोबल की यात्रा को आसान और आकर्षक बनाता नजर आएगा। यह न केवल उत्तर प्रदेश की कारीगरी को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाएगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था में भी सकारात्मक बदलाव लाएगा।