शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और डिजिटल तकनीक पर जनता ने रखी अपनी प्राथमिकताएँ
लखनऊ (Tue, 23 Sep 2025) – उत्तर प्रदेश सरकार के “समर्थ उत्तर प्रदेश–विकसित उत्तर प्रदेश @2047” अभियान को प्रदेशवासियों से जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। महज कुछ ही सप्ताहों में इस जनसंपर्क और संवाद कार्यक्रम से जुड़े करीब 5 लाख लोगों ने अपने सुझाव साझा किए हैं। इनमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी ग्रामीण भारत की रही है, जहां से 4 लाख से अधिक सुझाव सामने आए, जबकि नगरीय क्षेत्रों से लगभग 1 लाख लोगों ने भागीदारी की।
अभियान के तहत सभी 75 जनपदों में नोडल अधिकारियों और प्रबुद्ध जनों द्वारा छात्रों, शिक्षकों, उद्यमियों, कृषकों, मीडिया प्रतिनिधियों, श्रमिक संघों और आम नागरिकों से संवाद किया जा रहा है। सरकार विगत 8 वर्षों की उपलब्धियों को साझा करते हुए प्रदेश के भविष्य के रोडमैप पर विचार कर रही है।
शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि पर जनता की प्राथमिकता
जनता द्वारा दिए गए सुझावों में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, ग्रामीण विकास, नगरीय ढांचा, आईटी-टेक्नोलॉजी और उद्योग प्रमुख रहे।
- गाजियाबाद के ऋतिक शर्मा ने राज्य में भारत का सबसे बड़ा कंप्यूटर संग्रहालय बनाने का सुझाव दिया, जिससे तकनीकी पर्यटन और युवाओं को प्रेरणा मिले।
- बलिया के आशुतोष पटेल ने हर गांव-नगर तक हाई-स्पीड इंटरनेट, यूनिवर्सल डिजिटल आईडी, एआई/एआर/वीआर आधारित शिक्षा और स्मार्ट सिटी समाधान लागू करने की सिफारिश की।
- वाराणसी की आकांक्षा ने सुरक्षा और शहरी रोशनी सुधारने, सीसीटीवी नेटवर्क और महिलाओं के लिए कौशल एवं वित्तीय पहुंच बढ़ाने की बात कही।
- लखनऊ की महिमा सिंह ने समान वेतन, शिक्षा, स्वास्थ्य अधिकार और महिला नेतृत्व पर जोर दिया। साथ ही, उन्होंने बाल विवाह उन्मूलन और घरेलू कार्य की मान्यता पर भी ध्यान दिलाया।
प्रदेशभर से उमड़ा जनसमर्थन
अभियान में अब तक फिरोजाबाद, बस्ती, जौनपुर, कानपुर नगर, कानपुर देहात, गोरखपुर, सहारनपुर, शामली, एटा, मेरठ, फर्रुखाबाद, मैनपुरी, महाराजगंज और प्रयागराज से ही 2 लाख से अधिक फीडबैक प्राप्त हो चुके हैं।
सरकार का कहना है कि जनता से मिले इन सुझावों को विकास रोडमैप में शामिल कर उत्तर प्रदेश को 2047 तक विकसित राज्य बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।