स्थानीय उत्पादों को मिलेगा मंच, अयोध्या का दीपोत्सव बनेगा मिसाल
लखनऊ (Tue, 23 Sep 2025) – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपावली से पहले एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि प्रदेश के हर जिले में Swadeshi Mela आयोजित किया जाएगा। 10 से 18 अक्तूबर के बीच एमएसएमई विभाग की मदद से लगने वाले इन मेलों में ओडीओपी (One District One Product) और स्थानीय उद्योगों को विशेष स्थान दिया जाएगा। योगी ने स्पष्ट संदेश दिया—“अब समय आ गया है कि चीनी झालरों की बजाय घर-घर मिट्टी के दीप और गोबर से बने दिए जलें।”
सीएम ने कहा कि स्वदेशी अपनाना सिर्फ परंपरा या त्योहार का हिस्सा नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला है। 2017 से पहले दीपावली बाजार में चीन का कब्जा साफ दिखाई देता था, मगर अब तस्वीर बदल रही है। “आज लोग गर्व से मिट्टी के दीप जला रहे हैं और अयोध्या का दीपोत्सव इस बदलाव का सबसे बड़ा प्रमाण है। इस बार भी सरयू किनारे रिकॉर्ड संख्या में दीप प्रज्वलित होंगे, और वे पूरी तरह से स्थानीय कारीगरों की मेहनत से तैयार होंगे,” योगी ने कहा।
आत्मनिर्भर भारत की राह में उत्तर प्रदेश
मुख्यमंत्री भाजपा की ओर से लखनऊ स्थित विश्वेसरैया सभागार में आयोजित ‘आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान’ कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने जोर देकर कहा कि Greater Noida में 25 से 29 सितंबर तक आयोजित होने वाला UP International Trade Show (UPITS), प्रदेश की स्वदेशी सोच का सबसे बड़ा मंच बनेगा। इसमें 500 से अधिक विदेशी खरीदारों समेत देशभर के व्यापारी शामिल होंगे। योगी ने उद्यमियों और हस्तशिल्पियों से अपील की कि वे इस प्रदर्शनी का हिस्सा बनकर अपने उत्पादों को नए बाजार तक पहुँचाएं।
“भारत का असली स्वदेशी वही, जिसमें श्रमिकों का पसीना हो”
योगी ने कहा कि आज भारत सरकार सुई से लेकर समुद्री जहाज और फाउंटेन पेन से लेकर हवाई जहाज तक का निर्माण कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया, “वही वस्तु सच्चा स्वदेशी है, जिसमें भारत के श्रमिकों का पसीना और युवाओं की प्रतिभा झलकती है।”
इस मौके पर सांसद और अभियान के राष्ट्रीय सह-संयोजक सीपी जोशी ने भी कहा कि आत्मनिर्भर भारत संकल्प सिर्फ उपभोग की मानसिकता तोड़ने का नहीं बल्कि भारत को निर्माता और विश्व-मार्गदर्शक बनाने का लक्ष्य है। उन्होंने लोगों से ‘वोकल फॉर लोकल’ और ओडीओपी जैसी पहलों को गाँव-गाँव तक पहुँचाने का आह्वान किया।
इतिहास और चेतावनी
अपने संबोधन में योगी ने इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि 1100 ईस्वी में भारत की जनसंख्या करीब 60 करोड़ थी, लेकिन 1947 तक यह घटकर आधी रह गई। विदेशी आक्रमणों और विभाजनकारी राजनीति ने न सिर्फ समाज को कमजोर किया बल्कि कृषि और कुटीर उद्योगों की रीढ़ भी तोड़ दी। उन्होंने कहा, “आज भी कुछ लोग जाति, भाषा और क्षेत्र के नाम पर समाज को बांटने में लगे हैं। यही मानसिकता स्वदेशी के रास्ते में भी रोड़े अटकाती है।”
सीएम ने चेताया कि यदि विदेशी मॉडल पर आंख मूंदकर भरोसा किया गया तो उसके नतीजे खतरनाक होंगे। “कई राज्यों में कैंसर ट्रेनें चल रही हैं, कहीं भूजल का स्तर खतरनाक हद तक नीचे जा चुका है। यही विदेशी सोच की देन है,” उन्होंने कहा।
22 साल का विज़न
अपने कार्यकाल का उल्लेख करते हुए योगी ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में प्रदेश ने बीमारियों पर काबू पाया है। अगर इसी तरह योजनाबद्ध ढंग से आगे बढ़ा जाए तो अगले 22 वर्षों में उत्तर प्रदेश देश का सबसे विकसित प्रदेश बन सकता है।