लखनऊ (शुक्रवार, 26 सितंबर 2025) – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को राजधानी लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में चार लाख छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति वितरित की। इस बार खास बात यह रही कि फरवरी-मार्च में मिलने वाली छात्रवृत्ति को सरकार ने सितंबर में ही जारी कर दिया, ताकि विद्यार्थी नवरात्र और त्योहारों के मौके पर इसका लाभ उठा सकें।
Scholarship Distribution अब होगा पारदर्शी
सीएम योगी ने कहा कि उनकी सरकार ने छात्रवृत्ति वितरण में पूरी तरह पारदर्शिता और समानता सुनिश्चित की है। उन्होंने याद दिलाया कि 2017 से पहले इस प्रक्रिया में भेदभाव होता था, लेकिन उनकी सरकार ने सत्ता में आते ही 2016-17 और 2017-18 की लंबित छात्रवृत्तियाँ एक साथ दीं। अब हर विद्यार्थी को उसका हक समय पर मिलेगा।
उन्होंने कहा कि कई बार विद्यालय स्तर पर डेटा फीडिंग में त्रुटियों के कारण विद्यार्थी छात्रवृत्ति से वंचित रह जाते थे। इसे दूर करने के लिए सरकार अब एआई आधारित प्रणाली लागू कर रही है। इसके जरिए मानवीय हस्तक्षेप कम होगा और जैसे ही छात्र का पंजीकरण होगा, उसके मोबाइल फोन पर सारी जानकारी स्वतः उपलब्ध हो जाएगी।
शिक्षा से समाज को दिशा
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर और सरदार वल्लभभाई पटेल का स्मरण करते हुए कहा कि शिक्षा और योग्यता से ही समाज और राष्ट्र को नई दिशा मिलती है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि कोई भी बच्चा आर्थिक तंगी के कारण शिक्षा से वंचित न हो।
समाज कल्याण मंत्री का बड़ा ऐलान
समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने कार्यक्रम में घोषणा की कि पिछले वर्ष किसी भी कारण से छात्रवृत्ति से वंचित रह गए विद्यार्थियों को इस बार राशि दी जाएगी। उन्होंने बताया कि पिछले साल 60 लाख बच्चों को छात्रवृत्ति मिली थी। इस बार सरकार एक नया मोबाइल एप भी लाने जा रही है, जिसमें छात्रों को उनकी मिलने वाली छात्रवृत्ति की पूरी डिटेल मिलेगी।
निष्कर्ष
योगी सरकार का यह कदम न केवल विद्यार्थियों को आर्थिक राहत देगा बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में Scholarship Distribution को लेकर पारदर्शिता और भरोसे का नया अध्याय भी लिखेगा। नवरात्र और त्योहारों के अवसर पर दी गई यह छात्रवृत्ति लाखों परिवारों के लिए उम्मीद और सहारे का बड़ा संदेश है।