लखनऊ, 29 सितंबर 2025 – उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को 17वें जनजातीय युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के दौरान मध्य प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा के युवा प्रतिभागियों से संवाद किया। यह बहु-राज्यीय कार्यक्रम 25 सितंबर से शुरू होकर पहली अक्टूबर तक चलेगा।
सीएम योगी ने इस अवसर पर सभी मेहमान युवाओं का स्वागत करते हुए उन्हें देश की एकता और अखंडता के प्रति जागरूक होने का संदेश दिया। उन्होंने साथ ही सभी को शारदीय नवरात्रि और विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं भी दी। इस दौरान खेल व युवा कल्याण मंत्री गिरीश चंद्र यादव भी मौजूद रहे।
“Youth Empowerment” और ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ अभियान
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “एक भारत श्रेष्ठ भारत” अभियान का अहम हिस्सा बताया। उन्होंने कहा, “यह केवल सांस्कृतिक आदान-प्रदान का मंच नहीं है, बल्कि देश की विविधता में निहित एकता को समझने और सशक्त करने का अवसर भी है।”
लखनऊ में आयोजित इस कार्यक्रम में लगभग 200 युवा हिस्सा ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “इस अनुभव के माध्यम से हम पूरे देश को देख सकते हैं, समझ सकते हैं और अपनी संस्कृति को साझा कर सकते हैं। यही Youth Empowerment का सजीव उदाहरण है।”
पूरे भारत की भाव-भंगिमा एक
सीएम योगी ने युवाओं को बताया कि भारत की विविध बोली-भाषा के बावजूद देशवासियों की भावनाएं एक हैं। उन्होंने कहा, “‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ यह भाव हर भारतवासी के मन में बसा है। यही भावना तब भी जीवित थी जब धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा ने गुलामी की बेड़ियों को तोड़ा था। इस वर्ष उनकी 150वीं जयंती भी है, और 17वें जनजातीय युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश युवा पीढ़ी तक पहुँच रहा है।”
प्रधानमंत्री के विकसित भारत का विजन
युवाओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकसित भारत का बड़ा विजन रखा है। जब हर नागरिक के मन में Youth Empowerment और विकास की लगन होगी, तभी भारत वास्तव में विकसित होगा। चाहे वह कांदला हो, कालाहांडी, सिंहभूमि, गढ़चिरौली या बीजापुर – जब हर क्षेत्र विकसित होगा, तब ही देश का वास्तविक विकास दिखाई देगा।”
पंच प्रण: विकसित भारत की आधारशिला
सीएम ने पीएम मोदी के पंच प्रण पर जोर देते हुए कहा कि हर नागरिक के मन में ये भाव होने चाहिए:
- श्रद्धा और गौरव – महापुरुषों, स्वतंत्रता सेनानियों और विरासत के प्रति सम्मान।
- गुलामी मानसिकता का त्याग – “हम कर सकते हैं, हम करेंगे।”
- रक्षा बलों के प्रति सम्मान – सेना, अर्धसेना, पुलिस के जवान और उनकी सेवा का आदर।
- सामाजिक एकता – अलग-अलग भाषा, धर्म और संस्कृति के बावजूद ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ का भाव।
- नागरिक कर्तव्य – हर व्यक्ति को अपने दायित्व का निर्वहन ईमानदारी से करना।
सीएम ने कहा, “ये पंच प्रण न केवल देश की नींव मजबूत करेंगे, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों की आशाओं और आकांक्षाओं को भी पूरा करेंगे।”
युवाओं के लिए विशेष निर्देश: अयोध्या भ्रमण
मुख्यमंत्री ने युवाओं को विधानसभा और मेट्रो का भ्रमण करने के लिए कहा, ताकि वे विकास के वास्तविक स्वरूप को समझ सकें। उन्होंने अयोध्या के महत्व को भी याद दिलाते हुए कहा, “भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास में जनजातीय समुदाय ने उनका सहयोग किया। आज उनकी जन्मभूमि में भव्य मंदिर और आधुनिक सुविधाएं विकसित हो चुकी हैं। अयोध्या और लखनऊ के विकास को देखकर आप अपने क्षेत्र के लिए भी मॉडल तैयार कर सकते हैं।”
मुख्य संदेश
इस कार्यक्रम के माध्यम से युवाओं में Youth Empowerment की भावना पैदा होगी, देश की एकता-समानता को सशक्त बनाएगी, और प्रधानमंत्री के विकसित भारत के विजन को जमीन पर उतारने में योगदान देगी।