पूर्वी यूपी में नवंबर से होगी खरीद, MSP पर सीधे खाते में मिलेगा भुगतान
लखनऊ (Tue, 30 Sep 2025)। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने धान खरीद की तिथियां तय कर दी हैं। पश्चिमी यूपी और लखनऊ संभाग के हरदोई, लखीमपुर खीरी व सीतापुर जिलों में 1 अक्टूबर से धान खरीद (Rice Purchase) शुरू होगी। वहीं, पूर्वी यूपी और लखनऊ संभाग के लखनऊ, रायबरेली व उन्नाव जिलों में खरीद 1 नवंबर से होगी। पश्चिमी यूपी में यह प्रक्रिया 31 जनवरी 2026 तक और पूर्वी यूपी में 28 फरवरी 2026 तक चलेगी।
किसानों का उत्साह, अब तक 23 हजार से ज्यादा पंजीकरण
खाद्य एवं रसद विभाग के मुताबिक, 30 सितंबर सुबह 11 बजे तक 23 हजार से अधिक किसानों ने पंजीकरण करा लिया है। इस बार किसानों को ओटीपी आधारित सिंगल पंजीकरण सिस्टम दिया गया है। मोबाइल पर मिले ओटीपी को दर्ज करके किसान आसानी से पंजीकरण कर सकते हैं।
MSP में बढ़ोतरी
सरकार ने इस साल धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाया है।
- धान (कॉमन): ₹2369 प्रति क्विंटल
- धान (ग्रेड ए): ₹2389 प्रति क्विंटल
किसानों को आश्वासन दिया गया है कि बिक्री का भुगतान 48 घंटे के भीतर सीधे आधार-लिंक्ड बैंक खाते में भेजा जाएगा।
पारदर्शिता के लिए बायोमीट्रिक सिस्टम
धान खरीद केवल पंजीकृत किसानों से ही होगी। सभी क्रय केंद्र सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुले रहेंगे। खरीद प्रक्रिया में ई-पॉप डिवाइस और बायोमीट्रिक सत्यापन का इस्तेमाल होगा, ताकि बिचौलियों की भूमिका खत्म की जा सके।
किन जिलों में कब होगी खरीद?
पश्चिमी यूपी (1 अक्टूबर – 31 जनवरी 2026):
मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, आगरा, अलीगढ़, झांसी संभाग और लखनऊ संभाग के हरदोई, लखीमपुर खीरी व सीतापुर।
पूर्वी यूपी (1 नवंबर – 28 फरवरी 2026):
चित्रकूट, कानपुर, अयोध्या, गोरखपुर, देवीपाटन, बस्ती, आजमगढ़, वाराणसी, मीरजापुर, प्रयागराज संभाग और लखनऊ संभाग के लखनऊ, रायबरेली व उन्नाव।
किसानों के लिए हेल्पलाइन
पंजीकरण और बिक्री से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए किसान fcs.up.gov.in या मोबाइल ऐप UP KISAN MITRA पर संपर्क कर सकते हैं। साथ ही टोल-फ्री नंबर 18001800150 पर भी मदद ली जा सकती है। जिला खाद्य विपणन अधिकारी और ब्लॉक स्तर के विपणन निरीक्षक भी किसानों को मार्गदर्शन देंगे।
क्यों अहम है यह कदम?
उत्तर प्रदेश देश के प्रमुख धान उत्पादक राज्यों में है। समयबद्ध और पारदर्शी Rice Purchase व्यवस्था किसानों को न सिर्फ उचित दाम सुनिश्चित करती है, बल्कि बिचौलियों से भी उन्हें पूरी तरह मुक्त करती है। यह कदम राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा और किसानों का भरोसा बढ़ाएगा।