नई दिल्ली (Tue, 30 Sep 2025)। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को जीएसटी धोखाधड़ी के एक बड़े मामले में कार्रवाई करते हुए 15.41 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां कुर्क कर लीं। यह संपत्तियां झारखंड, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में फैले उस गिरोह से जुड़ी हैं, जिसने GST Fraud Case में 135 फर्जी कंपनियां बनाकर 734 करोड़ रुपये का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) तैयार किया था।
ऐसे रचा गया घोटाला
ईडी की जांच में सामने आया कि शिव कुमार देवड़ा, अमित गुप्ता, सुमित गुप्ता और अमित अग्रवाल उर्फ विक्की भालोटिया की अगुवाई में एक संगठित सिंडिकेट खड़ा किया गया। इस नेटवर्क ने कागजों पर कंपनियां बनाईं और बिना किसी असली सप्लाई के फर्जी जीएसटी चालान जारी किए। इन चालानों के जरिए अवैध ITC तैयार हुआ और बाद में इसे कमीशन पर विभिन्न फर्मों को बेच दिया गया। इन कंपनियों ने इस क्रेडिट का उपयोग अपनी जीएसटी देनदारियों से बचने के लिए किया, जिससे सरकारी खजाने को सीधा नुकसान पहुंचा।
अवैध कमाई से बने प्रॉपर्टी डील
जांच में पता चला है कि सिंडिकेट ने इस पूरे खेल से करीब 67 करोड़ रुपये का कमीशन कमाया। मास्टरमाइंड अमित गुप्ता ने इस अवैध आय से कई प्रॉपर्टी खरीदीं और बाद में डीजीजीआई की जांच शुरू होने के बाद उन्हें रिश्तेदारों और सहयोगियों के नाम पर ट्रांसफर कर छिपाने की कोशिश की। ईडी ने अब कोलकाता और हावड़ा में उसकी 10 संपत्तियां कुर्क कर दी हैं, जिनकी कीमत 15.41 करोड़ रुपये है। इससे पहले भी सिंडिकेट प्रमुख शिव कुमार देवड़ा की 5.29 करोड़ की संपत्ति जब्त हो चुकी है।
गिरफ्तारी और आगे की कार्रवाई
ईडी ने इस साल 8 मई को छापेमारी अभियान चलाकर प्रमुख आरोपियों—शिव कुमार देवड़ा, मोहित देवड़ा, अमित गुप्ता और अमित अग्रवाल—को गिरफ्तार किया था। फिलहाल ये सभी न्यायिक हिरासत में हैं और विशेष पीएमएलए कोर्ट, रांची में इनके खिलाफ अभियोजन शिकायत दाखिल की जा चुकी है।
अधिकारियों के मुताबिक, अब तक की कार्रवाई पीओसी (Proceeds of Crime) को ट्रैक करने और जब्त करने की प्रक्रिया का हिस्सा है। एजेंसी का कहना है कि जांच जारी है और आगे और भी संपत्तियां कुर्क की जा सकती हैं।