Urban Development में लापरवाही स्वीकार नहीं, शहरों का नियोजित विकास प्राथमिकता
लखनऊ (Sat, 04 Oct 2025) – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लखनऊ में अधिकारियों को निर्देश दिए कि नगर निकायों की अनुमति के बिना विकसित होने वाली अनियोजित कॉलोनियों और बस्तियों पर तुरंत रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा कि शहरों का विकास केवल नियोजित और समन्वित रूप में होना चाहिए, ताकि भविष्य में नागरिकों को सुविधा और सुरक्षा दोनों मिल सके।
उच्चस्तरीय नगर विकास विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि Urban Development केवल कागज़ों में नहीं, बल्कि जमीन पर ठोस और नियमित क्रियान्वयन के साथ होना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मलिन बस्तियों में मूलभूत सुविधाओं जैसे पेयजल, सड़क कनेक्टिविटी, स्ट्रीट लाइट और सामुदायिक शौचालय सुनिश्चित किए जाएँ।
मलिन बस्तियों और शहरों में समन्वित विकास
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मलिन बस्तियों का विकास ठेकेदारों पर निर्भर नहीं होना चाहिए, बल्कि नगर निकाय स्वयं इसकी जिम्मेदारी उठाएं। “साफ-सफाई, जल निकासी और स्ट्रीट लाइट जैसी सुविधाएँ नागरिकों तक समय पर पहुँचना चाहिए। लापरवाही की स्थिति में जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी,” उन्होंने कहा।
इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि शहरों में जल निकासी व्यवस्थाओं को मजबूत किया जाए ताकि भारी बारिश में जलभराव की समस्या न उत्पन्न हो। ड्रेनेज सिस्टम के सुधार और नियमित मॉनिटरिंग पर विशेष ध्यान देने को कहा गया।
पीपीपी मॉडल से शहरों का स्मार्ट विकास
मुख्यमंत्री ने शहरों में शापिंग काम्प्लेक्स, मल्टीलेवल पार्किंग, रेस्टोरेंट और ऑडिटोरियम जैसे प्रोजेक्टों को पीपीपी (Public-Private Partnership) मॉडल पर विकसित करने पर जोर दिया। उनका कहना था कि यह मॉडल न केवल निवेश को बढ़ाएगा, बल्कि राजस्व वृद्धि और शहर के समग्र विकास में मदद करेगा।
साथ ही, उन्होंने कूड़ा उठान और निस्तारण में सुधार के लिए नियमित जागरूकता अभियान चलाने, ठोस और गीले कचरे को अलग करने और सामुदायिक शौचालयों की नियमित सफाई सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री योगी ने बैठक में यह भी कहा कि नगर निकायों से जुड़े नए गांवों में भी मूलभूत सुविधाओं की शीघ्र उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, ताकि वहां के लोग किसी तरह की असुविधा का सामना न करें।