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भारत-ऑस्ट्रेलिया बने India-Australia defence ties के नए स्तंभ: राजनाथ सिंह बोले — “हम इंडो-पैसिफिक के सह-निर्माता हैं”

On: October 10, 2025
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भारत-ऑस्ट्रेलिया बने India-Australia defence ties के नए स्तंभ
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नई दिल्ली, शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सिडनी में कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया अब सिर्फ सामरिक साझेदार नहीं, बल्कि “एक सुरक्षित और समृद्ध इंडो-पैसिफिक के सह-निर्माता” हैं। अपने आधिकारिक दौरे पर उन्होंने दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग, औद्योगिक उत्पादन और सामरिक साझेदारी के नए आयामों पर विस्तार से चर्चा की।

“भारत-ऑस्ट्रेलिया एक निर्णायक मोड़ पर हैं”

सिडनी में आयोजित भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा उद्योग व्यापार राउंड टेबल में राजनाथ सिंह और ऑस्ट्रेलिया के सहायक रक्षा मंत्री पीटर खलील ने संयुक्त रूप से बैठक की अध्यक्षता की।
इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा,

“हम 2020 में स्थापित व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तहत अब उस बिंदु पर हैं, जहां हम अपने रक्षा संबंधों को केवल सहयोग नहीं, बल्कि सह-निर्माण के रूप में देख सकते हैं। भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों एक साझा दृष्टि—‘स्वतंत्र, स्थिर और समृद्ध इंडो-पैसिफिक’—की ओर बढ़ रहे हैं।”

उनका यह वक्तव्य मौजूदा India-Australia defence ties को नई ऊर्जा देने वाला माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह बयान एशिया-प्रशांत क्षेत्र की भू-राजनीति में भारत की सक्रिय भूमिका को और मज़बूत करता है।

भारत का रक्षा उत्पादन 1.51 लाख करोड़ रुपये तक पहुँचा

राजनाथ सिंह ने रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में भारत की हालिया उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा,

“पिछले वित्त वर्ष में भारत का रक्षा उत्पादन 1.51 लाख करोड़ रुपये — यानी लगभग 8 अरब अमेरिकी डॉलर — तक पहुँच गया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 18% की उल्लेखनीय वृद्धि है।”

उन्होंने बताया कि भारत अब 100 देशों को रक्षा सामग्री निर्यात कर रहा है, और पिछले वर्ष निर्यात का आँकड़ा 23,622 करोड़ रुपये (2.76 अरब डॉलर) तक पहुँच गया। उनके अनुसार, यह न सिर्फ आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ठोस कदम है, बल्कि वैश्विक रक्षा आपूर्ति श्रृंखला में भारत की बढ़ती भूमिका का प्रमाण भी है।

ऑस्ट्रेलियाई मंत्री ने प्रवासी भारतीयों की सराहना की

बैठक के दौरान ऑस्ट्रेलिया के सहायक रक्षा मंत्री पीटर खलील ने राजनाथ सिंह की यात्रा को “अद्भुत” बताते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलिया में भारतीय प्रवासियों का योगदान “टॉप शेल्फ” है।

“भारतीय समुदाय विभिन्न उद्योगों और क्षेत्रों में जिस समर्पण से कार्य कर रहा है, वही ऑस्ट्रेलिया की सफलता की एक बड़ी वजह है,”
खलील ने कहा।

उन्होंने जोड़ा कि भारत-ऑस्ट्रेलिया साझेदारी आपसी विश्वास, साझा हितों और खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए साझा दृष्टिकोण पर आधारित है।

सिडनी में नौसैनिक सुविधा और मंदिर दर्शन

राजनाथ सिंह ने अपने दौरे के दौरान सिडनी स्थित ऐतिहासिक नौसैनिक सुविधा एचएमएएस कुट्टाबुल का भी दौरा किया। उन्हें एडमिरल मार्क हडसन ने सिडनी हार्बर की रणनीतिक क्षमताओं से परिचित कराया।
रक्षा मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के लिए नौसैनिक सहयोग और maritime domain awareness को गहरा करना “इंडो-पैसिफिक की स्थिरता” के लिए आवश्यक है।

इसके बाद राजनाथ सिंह स्वामीनारायण मंदिर पहुँचे, जहाँ उन्होंने आरती में हिस्सा लिया और बच्चों द्वारा प्रस्तुत भक्ति संगीत सुना। उन्होंने भारतीय समुदाय से भी मुलाकात की और प्रवासी भारतीयों के योगदान की प्रशंसा की।

भविष्य की दिशा

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बढ़ते India-Australia defence ties न केवल रक्षा उद्योग में सहयोग को नया आयाम देंगे, बल्कि दोनों देशों को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में संतुलन और सुरक्षा के प्रमुख भागीदारों के रूप में स्थापित करेंगे। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस दौरे से भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों में “रणनीतिक परिपक्वता” की नई शुरुआत हो चुकी है।

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