मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की युवाओं को नसीहत, Smartphone छोड़ पुस्तक को दें पांच से छह घंटे
लखनऊ (20 सितम्बर 2025, शनिवार) — मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी लखनऊ विश्वविद्यालय के फुटबॉल मैदान से Gomti Book Festival का शुभारंभ किया और इस मौके पर युवाओं को एक गहरी सीख दी। उन्होंने कहा कि यदि आज की युवा पीढ़ी रोज़ाना पांच से छह घंटे Smartphone की जगह किताबों को समय दे, तो उनका बौद्धिक और व्यक्तिगत विकास कहीं अधिक तेज़ी से होगा।
सीएम योगी ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “हमारा सबसे सही साथी अच्छी पुस्तक होती है। किताबें न केवल ज्ञानवर्धक हैं बल्कि जीवन की संरक्षक भी होती हैं। भारतीय परंपरा में शब्द को ब्रह्म माना गया है, और यह सत्य है कि जब लोग पढ़ते हैं तो समाज और राष्ट्र दोनों आगे बढ़ते हैं।”
Smartphone बनाम किताब: युवाओं के लिए बड़ी सीख
मुख्यमंत्री ने Smartphone के अंधाधुंध इस्तेमाल पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि तकनीक ज़रूरी है, पर यह सब कुछ नहीं है। डिजिटल लाइब्रेरी या ऑनलाइन पढ़ाई के लिए Smartphone का एक घंटा काफी है, लेकिन शेष समय को किताबों के साथ बिताना ही युवाओं के लिए लाभकारी होगा।
उनका मानना है कि भारतीय संस्कृति में “पढ़ना और बढ़ना” ही मूल मंत्र है, और इसी परंपरा को आगे बढ़ाना ज़रूरी है।
तक्षशिला विश्वविद्यालय का उदाहरण
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने इतिहास का ज़िक्र करते हुए कहा कि प्राचीन तक्षशिला विश्वविद्यालय, जो आज के पाकिस्तान में स्थित था, आक्रांताओं के हमलों से नष्ट कर दिया गया। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, “पाकिस्तान को ज्ञान से कोई लेना-देना ही नहीं। वहां शिक्षा की कोई वास्तविक व्यवस्था नहीं है, इसलिए तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय का महत्व उन्हें कभी समझ में नहीं आया।”
योगी आदित्यनाथ ने इस प्रसंग के माध्यम से युवाओं को यह संदेश दिया कि भारत को अपनी बौद्धिक धरोहर को संजोते हुए मौलिक लेखन और चिंतन की दिशा में आगे बढ़ना होगा।
शिक्षा व्यवस्था पर जोर
मुख्यमंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि आज की सबसे बड़ी चुनौती शिक्षा को रोजगारपरक बनाना है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि केंद्र सरकार लगातार शिक्षा सुधार की दिशा में काम कर रही है।
Gomti Book Festival का आकर्षण
यह नौ दिवसीय पुस्तक महोत्सव 28 सितम्बर तक चलेगा। प्रवेश सभी के लिए निःशुल्क रखा गया है और पुस्तक प्रेमियों को प्रिंट रेट से 10% छूट पर किताबें उपलब्ध होंगी।
महोत्सव में सिर्फ किताबें ही नहीं, बल्कि साहित्य और संस्कृति का संगम भी देखने को मिलेगा। आगंतुक समूह चर्चाओं, लेखक संवाद, काव्य-पाठ, मुशायरे, पुस्तक विमोचन और सांस्कृतिक संध्याओं का आनंद उठा सकेंगे।
इस दौरान मंच पर कई दिग्गज लेखक और विद्वान भी उपस्थित रहेंगे, जिनमें शामिल हैं—
- आईआईटी लखनऊ के निदेशक डॉ. अरुण मोहन शेरी
- वरिष्ठ लेखक गुलाब कोठारी
- रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के चांसलर एवं लेखक संतोष चौबे
- लेखक-कवि-अभिनेता अखिलेंद्र मिश्रा
- उपन्यासकार शीला रोहेकर
- कथाकार शिवमूर्ति
- पद्मश्री डॉ. विद्या विंदु सिंह
- अवधी कवि और संपादक डॉ. रामबहादुर मिसिर
निष्कर्ष
सीएम योगी आदित्यनाथ का यह संदेश केवल उपदेश नहीं, बल्कि आज के समय की वास्तविक ज़रूरत है। जहां Smartphone ने जीवन को आसान बनाया है, वहीं किताबें हमें गहराई से सोचने, आत्ममंथन करने और समाज को बेहतर दिशा देने की प्रेरणा देती हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय का यह Gomti Book Festival न सिर्फ किताबों का मेला है, बल्कि युवाओं के लिए एक नया संकल्प भी है—पढ़ो और देश को आगे बढ़ाओ।