🗓️ 11 अगस्त 2025 | डिजिटल डेस्क – नई दिल्ली | Chennai Emergency Landing: “अगर पायलट की सूझ-बूझ में एक पल की भी देर होती, तो नतीजा क्या होता — कोई नहीं जानता…”
यह बात महज़ डराने वाली कल्पना नहीं, बल्कि उस घटना का सार है जो बीते शुक्रवार को Air India Flight AI-467 के साथ घटित हुई। यह विमान तिरुवनंतपुरम से दिल्ली जा रहा था और इसमें 100 से अधिक यात्री सवार थे, जिनमें 5 सांसद भी शामिल थे।
विमान में तकनीकी खराबी और खराब मौसम के चलते इसे चेन्नई एयरपोर्ट की ओर डायवर्ट करना पड़ा। पर असली संकट तब शुरू हुआ, जब रनवे पर एक और विमान पहले से खड़ा मिला।
🎙️ “सिर्फ किस्मत नहीं, Pilot Skill ने बचाया”
कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने घटना की जानकारी X (पूर्व Twitter) पर साझा करते हुए लिखा:
“हमने उड़ान भरने के कुछ समय बाद ही भारी टर्बुलेंस का सामना किया। एक घंटे बाद कैप्टन ने फ्लाइट में तकनीकी फॉल्ट की घोषणा की और चेन्नई की ओर मोड़ दिया गया।”
लेकिन मामला यहीं नहीं रुका। सांसद के मुताबिक, विमान ने चेन्नई के ऊपर करीब दो घंटे तक मंडराया, और जब आखिरकार लैंडिंग की कोशिश की गई तो…
“रनवे पर एक अन्य विमान पहले से मौजूद था। कैप्टन ने तुरंत निर्णय लिया और फ्लाइट को दोबारा हवा में ऊपर खींच लिया। यह एक Split-second decision था, जिसने हम सभी की जान बचाई।”
🧭 “हम सिर्फ भाग्य पर निर्भर नहीं रह सकते”
सांसद वेणुगोपाल ने DGCA और नागरिक उड्डयन मंत्रालय से इस पूरे मामले की तत्काल जांच की मांग की। उन्होंने कहा:
“हम कुशलता और भाग्य से बचे, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आगे से किसी यात्री की सुरक्षा किस्मत पर न टिकी हो।”
विमान में सवार अन्य सांसदों में कोडिक्कुनिल सुरेश, अडूर प्रकाश, के राधाकृष्णन और रॉबर्ट ब्रूस शामिल थे।
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🛫 Chennai Emergency Landing: एअर इंडिया का आधिकारिक बयान
कांग्रेस नेता के पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए एअर इंडिया ने बयान जारी किया:
“चेन्नई डायवर्शन तकनीकी संदेह और खराब मौसम के कारण एक एहतियात था।
पहली लैंडिंग की कोशिश पर ATC द्वारा ‘Go-Around’ का निर्देश दिया गया, न कि रनवे पर किसी विमान की उपस्थिति के कारण।”
एअर इंडिया ने आगे कहा कि उनके पायलट पूरी तरह प्रशिक्षित और अनुभवी हैं।
“हम इस असुविधा के लिए खेद प्रकट करते हैं, लेकिन हमारे लिए सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है।”
🎯 क्या यह चेतावनी काफी है?
इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि Pilot Skill कोई औपचारिक शब्द नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर लोगों की ज़िंदगी से जुड़ा एक वास्तविक मानक है। टेक्नोलॉजी के बावजूद, एक निर्णय—एक इंसान की सूझ-बूझ—पूरे विमान की सुरक्षा तय करता है।
अब देखना यह है कि क्या संबंधित एजेंसियां इस घटना को केवल “एक और बचाव” मानती हैं या इससे कोई सुधारात्मक कार्रवाई भी होती है।