📆 11 अगस्त 2025 | नई दिल्ली
✍️ ब्यूरो रिपोर्ट | 🌐 बुंदेलखंड टुडे
“हमें रोका गया क्योंकि हम लोकतंत्र की रक्षा कर रहे थे…”
इस तीखे बयान के साथ विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ के नेताओं ने आज दिल्ली की सड़कों पर ऐसा प्रदर्शन किया, जिसने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी। Voter Fraud के आरोपों और बिहार की मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया के विरोध में किए गए मार्च के दौरान समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव बैरिकेड फांदते हुए सड़क पर बैठ गए, और कांग्रेस के बड़े चेहरों – राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत दर्जनों सांसदों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
🗳️ क्या है मामला?
संसद से लेकर भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission) तक का यह मार्च दरअसल बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और मतदाता सूचियों में कथित हेरफेर के विरोध में आयोजित किया गया था।
मार्च से पहले सांसदों ने संसद के मकर द्वार पर राष्ट्रगान गाया, फिर पोस्टर, तख्तियों और नारेबाजी के साथ निकल पड़े—“वोट चोरी रोको, लोकतंत्र बचाओ!” के नारों के साथ।
लेकिन परिवहन भवन के पास पुलिस ने उन्हें बैरिकेड्स लगाकर रोक दिया।
🔴 जब सड़क बना संसद…
बंद होती आवाज़ों के बीच सबसे तेज़ तस्वीर आई अखिलेश यादव की—जो दिल्ली पुलिस के बैरिकेड पर चढ़कर उसे फांद गए और सड़क पर धरने पर बैठ गए।
उनके पीछे महुआ मोइत्रा, सुष्मिता देव, संजना जाटव और ज्योतिमणि जैसी महिला सांसद भी बैरिकेड्स पर चढ़ गईं।
एक बैनर पर लिखा था:
“श्रीमान + वोट चोरी = लोकतंत्र की हत्या”
सड़कों पर नारे लगते रहे, और अंततः जब सांसद नहीं माने, तो राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, टीआर बालू, संजय राउत, डेरेक ओब्रायन समेत अन्य नेताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
📢 देश-दुनिया की हर बड़ी राजनीतिक हलचल पढ़ते रहें 🌐 बुंदेलखंड टुडे
👮 पुलिस की सफाई
पुलिस का कहना है कि:
- इस मार्च के लिए कोई औपचारिक अनुमति नहीं ली गई थी
- चुनाव आयोग ने पहले से कांग्रेस नेता जयराम रमेश को 30 सांसदों के साथ बुलाया था
- लेकिन विपक्ष ने पूरे समूह के साथ पैदल मार्च करने की कोशिश की
परिणामस्वरूप, सुरक्षा कारणों से संसद मार्ग पर बैरिकेडिंग की गई थी और लाउडस्पीकर से चेतावनी दी जा रही थी। बावजूद इसके सांसद जब नहीं माने, तो कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हिरासत में लिया गया।
🎯 “हमें रोकने के लिए पुलिस का सहारा लिया जा रहा है” – अखिलेश
बैठक के बाद अखिलेश यादव ने मीडिया से कहा:
“हम लोकतांत्रिक तरीके से विरोध कर रहे थे। लेकिन सरकार हमें रोकने के लिए पुलिस का इस्तेमाल कर रही है। ये संविधान का अपमान है।”
🔍 मुद्दा क्या है?
- विपक्षी दलों का आरोप है कि बिहार में वोटर लिस्ट में बदलाव राजनीतिक साजिश के तहत हो रहा है
- विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) के नाम पर वोटरों को गलत तरीके से हटाया या जोड़ा जा रहा है
- उनका आरोप है कि यह 2024 लोकसभा चुनावों में धांधली का प्लान है
विपक्ष इस प्रक्रिया को रद्द करने और जांच की मांग कर रहा है।
🚨 Voter Fraud: सिर्फ आरोप या कुछ और?
यह प्रदर्शन केवल एक मार्च नहीं था, यह था लोकतंत्र के दायरे में लड़ने का सवाल।
INDIA गठबंधन की यह कोशिश आने वाले महीनों में और कितनी आक्रामक होगी, यह तो वक्त बताएगा। लेकिन आज की तस्वीरें संसद से ज्यादा सड़क पर लोकतंत्र की जद्दोजहद दिखा रही थीं।