नई दिल्ली (14 सितम्बर 2025): कारोबारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। अब अगर कंपनियां अपने डीलर को सीधे छूट देती हैं, तो GST पूरी कीमत पर नहीं बल्कि डिस्काउंट के बाद की कीमत पर लगेगा। सरकार का ये नियम 22 सितंबर से लागू हो जाएगा। इससे व्यापारियों को न सिर्फ टैक्स में राहत मिलेगी, बल्कि लंबे समय से चले आ रहे टैक्स विवाद भी खत्म होंगे।
पहले क्या होता था?
अभी तक टैक्स अधिकारियों का मानना था कि चाहे कंपनी कोई भी छूट दे, GST हमेशा मूल कीमत (Original Price) पर ही लगेगा। इससे कंपनियां परेशान रहती थीं, क्योंकि वो कम दाम पर माल बेच रही थीं लेकिन टैक्स पूरी कीमत पर देना पड़ रहा था।
अब नया फायदा क्या है?
मान लीजिए कोई कार कंपनी अपने डीलर को ₹20 लाख की जगह ₹18 लाख में कार देती है, तो अब GST ₹18 लाख पर ही लगेगा, यानी असली कीमत पर। इससे कंपनियों को सीधा फायदा होगा और टैक्स कम लगेगा।
कब से लागू होगा?
यह नियम 22 सितंबर 2025 से लागू होगा। हाल ही में हुई GST काउंसिल की बैठक में इस पर सहमति बनी और इसके बाद CBIC (केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर विभाग) ने सर्कुलर जारी कर दिया।
किन शर्तों पर मिलेगी छूट?
- छूट तभी मान्य होगी, जब कंपनी और डीलर के बीच सीधा समझौता (Written Agreement) हो।
- अगर कोई डिस्ट्रीब्यूटर या तीसरा पक्ष बीच में है और वही छूट दे रहा है, तो टैक्स फिर भी पूरी कीमत पर लगेगा।
- यानी फायदा सिर्फ सीधे लेन-देन पर मिलेगा।
पुराने झगड़े होंगे खत्म
कई बार कंपनियों और टैक्स अधिकारियों के बीच विवाद हो जाता था कि टैक्स किस कीमत पर लगे। अब सरकार ने इस विवाद को खत्म कर दिया है। इससे कारोबारियों को स्पष्टता और पारदर्शिता मिलेगी।
कारोबारियों को क्या करना चाहिए?
- छूट देने से पहले डीलर के साथ लिखित समझौता करें।
- टैक्स कैलकुलेशन के लिए सही डॉक्यूमेंटेशन रखें।
- ताकि बाद में टैक्स विवाद न हो और GST कम कीमत पर ही लगे।
विशेषज्ञों की राय: KPMG इंडिया के टैक्स एक्सपर्ट अभिषेक जैन ने कहा कि यह फैसला कारोबारियों के लिए बेहद फायदेमंद है। इससे न सिर्फ नए लेन-देन आसान होंगे बल्कि पुराने विवाद भी धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगे।