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IND vs ENG: आखिरी टेस्ट में हार से बौखलाया इंग्लैंड, आकाश दीप पर प्रतिबंध की मांग उठी

On: August 9, 2025
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IND vs ENG: आखिरी टेस्ट में हार से बौखलाया इंग्लैंड, आकाश दीप पर प्रतिबंध की मांग उठी
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स्पोर्ट्स न्यूज, लंदन | 09 अगस्त 2025: IND vs ENG के बीच रोमांचक टेस्ट सीरीज का अंत भले ही 2-2 की बराबरी पर हुआ हो, लेकिन पांचवे और आखिरी मैच में हुई एक घटना ने चर्चाओं को हवा दे दी है। इस विवाद की नायक हैं भारत के युवा स्पिनर आकाश दीप (Akash Deep), जिनके व्यवहार को लेकर इंग्लैंड के एक कोच ने कड़ा रुख अपनाया है।

आकाश दीप का ‘फ्रेंडली’ व्यवहार बना विवाद का कारण

केनिंग्टन ओवल में खेले गए आखिरी टेस्ट की पहली पारी में आकाश दीप ने इंग्लैंड के बल्लेबाज बेन डकेट को आउट किया था। मैच के तनाव भरे माहौल में, जब डकेट पवेलियन लौट रहे थे, आकाश ने मुस्कुराते हुए उनके कंधे पर हाथ रखा और कुछ कहा, जो डकेट को पसंद नहीं आया। ऐसा माना गया कि यह व्यवहार ‘प्रोवोकेटिव’ था, यानी जानबूझकर विरोधी खिलाड़ी को चिढ़ाने वाला। इसीलिए इंग्लैंड के डकेट के कोच जेम्स नॉट ने आकाश दीप पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर दी।

“यह सीरीज का हिस्सा हो सकता है, लेकिन हमें ऐसी हरकतों पर अंकुश लगाना होगा ताकि युवा खिलाड़ी गलत प्रेरणा न लें,” नॉट ने कहा।

डकेट के कोच का बयान: अनुशासन जरूरी

जेम्स नॉट ने Times of India को दिए इंटरव्यू में बताया कि कैसे डकेट जैसे खिलाड़ी मैदान पर अनुशासन के साथ खेलते हैं और ऐसे विवाद से बचना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि डकेट को कई बार स्कूल स्तर पर अनुशासन सिखाने की जरूरत पड़ी, जिससे वे परिपक्व खिलाड़ी बने।

“डकेट एक शानदार बल्लेबाज हैं, जो क्रिकेट के हर आयाम को समझते हैं। वे रिवर्स स्वीप और स्विच हिट जैसे शॉट्स के धनी हैं, और उन्हें मैदान पर अनुशासन के साथ खेलना आता है,” नॉट ने कहा।

विवाद पर आईसीसी की प्रतिक्रिया

आईसीसी ने फिलहाल आकाश दीप के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की है। उनका मानना है कि यह मामला खेल भावना की सीमाओं के भीतर ही था और इसे ज्यादा हवा नहीं दी जानी चाहिए। लेकिन इंग्लैंड की तरफ से इस मामले को लेकर आवाज उठना साफ संकेत है कि वे ऐसे व्यवहार पर रोक चाहते हैं।

क्रिकेट में अनुशासन और सम्मान की अहमियत

क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि यह भावना, सम्मान और अनुशासन की मिसाल भी है। जहां खिलाड़ियों के बीच प्रतिस्पर्धा तीव्र होती है, वहीं मैदान के बाहर दोस्ताना व्यवहार और खेल भावना बनाए रखना ज़रूरी है। इस विवाद ने एक बार फिर यह मुद्दा ताजा कर दिया है कि खेल के मैदान पर कब और कैसे व्यवहार करना चाहिए।

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