नई दिल्ली (Tue, 14 Oct 2025) – भारत और मंगोलिया के बीच India Mongolia Partnership नई ऊंचाइयों पर पहुंच रही है। मंगलवार को नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसूक उखना की बैठक ने दोनों देशों के संबंधों में नई गति दी। इस दौरान सैन्य सहयोग, ऊर्जा सुरक्षा, ई-वीजा सुविधा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।
भारत-मंगोलिया Partnership में सैन्य और ऊर्जा सहयोग
बैठक में पीएम मोदी ने मंगोलिया को ऐसे पड़ोसी के रूप में चिन्हित किया जिसकी सीमाएं भारत से नहीं मिलतीं, फिर भी दोनों देशों के बीच सहयोग को गहरा बनाने का प्रयास किया जा रहा है। सीमा सुरक्षा बलों की क्षमता बढ़ाने और साझा सैन्य अभ्यास को आगे बढ़ाने पर सहमति बनी।
पीएम मोदी ने बैठक में कहा, “भारत और मंगोलिया के संबंध केवल राजनयिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक बंधन का भी प्रतीक हैं। हमारी सीमाएं जुड़ी नहीं हैं, फिर भी मंगोलिया को हम हमेशा पड़ोसी मानते हैं।”
बैठक के दौरान शिक्षा, ऊर्जा, रक्षा, सुरक्षा, संस्कृति और डिजिटल समाधानों के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी जोर दिया गया।
मंगोलियाई नागरिकों को मुफ्त ई-वीजा
प्रधानमंत्री मोदी ने मंगोलियाई नागरिकों के लिए मुफ्त ई-वीजा की घोषणा की, जिससे पर्यटन, व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा। राष्ट्रपति उखना ने इस पहल का स्वागत किया और बताया कि मंगोलियाई एयर कैरियर नई दिल्ली और अमृतसर के लिए चार्टर उड़ानें शुरू करने की तैयारी कर रहा है।
बैठक के दौरान कुल 10 समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए, जिनमें मानवीय सहायता, मंगोलिया के विरासत स्थलों की बहाली, आव्रजन सहयोग, भूविज्ञान एवं खनिज संसाधन और डिजिटल समाधान साझा करना शामिल हैं।
भारत द्वारा मंगोलिया की पहली तेल रिफाइनरी में निवेश
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत द्वारा वित्त पोषित 1.7 अरब डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट पर आधारित मंगोलिया की पहली तेल रिफाइनरी 2028 तक चालू होगी। यह परियोजना मंगोलिया की ऊर्जा सुरक्षा को सशक्त बनाएगी। भविष्य में भारत मंगोलिया से कोयला आयात करने पर भी विचार कर रहा है।
विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) पी कुमारन ने बताया कि मंगोलियाई पक्ष भारतीय कंपनियों को तेल-गैस अन्वेषण में भागीदारी के लिए आमंत्रित कर रहा है।
सांस्कृतिक और शैक्षिक आदान-प्रदान को बढ़ावा
भारत ने 2026 में भगवान बुद्ध के दो शिष्यों (अर्हंत मोगल येन और अर्हंत सारिपुत्र) के पवित्र अवशेष मंगोलिया भेजने की घोषणा की है। नालंदा विश्वविद्यालय को मंगोलिया के गंदन मठ से जोड़ा जाएगा, संस्कृत शिक्षक की नियुक्ति होगी और ICCR युवा यात्रा कार्यक्रम के तहत मंगोलियाई छात्रों के लिए 70 अतिरिक्त ITEC स्लॉट प्रदान किए जाएंगे।
इस बैठक ने स्पष्ट कर दिया कि भारत मंगोलिया का भरोसेमंद विकास साझेदार बनकर दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने की दिशा में लगातार कदम बढ़ा रहा है।