✍️ रिपोर्ट: बुंदेलखंड टुडे डेस्क | प्रकाशित: 11 अगस्त 2025
India-Ukraine Ties: शांति प्रयासों के बीच फिर करीब आए रिश्ते
रूस-यूक्रेन युद्ध का मंजर आज भी टकराव और त्रासदी से भरा है। ऐसे में वैश्विक कूटनीति के मंच पर एक नई सरगर्मी तब देखने को मिली जब यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की।
यह संवाद ऐसे समय हुआ है जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा संभावित माना जा रहा है—हालांकि इसकी तारीखें अभी तय नहीं हुई हैं।
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“प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेनी जनता के लिए सहानुभूति जताई” – जेलेंस्की
इस बातचीत की पुष्टि खुद राष्ट्रपति जेलेंस्की ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर की। उन्होंने लिखा,
“मैंने प्रधानमंत्री मोदी से लंबी और गंभीर बातचीत की। हमने द्विपक्षीय सहयोग और वैश्विक कूटनीतिक परिदृश्य पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने जिस संवेदनशीलता से हमारी बात सुनी और हमारे नागरिकों के प्रति प्रेम प्रकट किया, उसके लिए मैं उनका आभारी हूं।”
जेलेंस्की के अनुसार, उन्होंने जापोरिज्जिया में बस स्टेशन पर हुए रूसी हमले का भी ज़िक्र किया, जिसमें कई नागरिक घायल हुए। उन्होंने यह भी कहा कि यह हमला ऐसे समय हुआ है जब दुनिया युद्ध के समाप्ति के संकेत देख रही है, लेकिन रूस अब भी कब्जे और विनाश की मानसिकता में लगा हुआ है।
“भारत शांति का समर्थक, यूक्रेन के साथ मजबूती से खड़ा” – पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने भी X पर अपनी प्रतिक्रिया साझा करते हुए लिखा,
“राष्ट्रपति जेलेंस्की से बात करके हाल की घटनाओं पर उनकी सोच जानकर अच्छा लगा। मैंने दोहराया कि भारत, रूस-यूक्रेन संघर्ष के शीघ्र और शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में है। साथ ही, हम यूक्रेन के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
यह बयान एक बार फिर भारत की संतुलित लेकिन संवेदनशील कूटनीति को दर्शाता है, जिसमें वह संघर्ष की बजाय संवाद को प्राथमिकता देता है।
प्रतिबंध, ऊर्जा और भावी मुलाकातें
जेलेंस्की ने बातचीत के दौरान रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों, खासकर तेल और ऊर्जा निर्यात को सीमित करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। उनका मानना है कि इससे रूस की युद्ध चलाने की क्षमता कम होगी।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से यह भी आग्रह किया कि भारत शांति प्रयासों में सक्रिय सहयोग दे और इस बात को माने कि “यूक्रेन से जुड़ा कोई भी फैसला, यूक्रेन की भागीदारी के बिना संभव नहीं होना चाहिए।”
दिलचस्प बात यह है कि दोनों नेताओं ने सितंबर 2025 में न्यूयॉर्क में होने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के दौरान मुलाकात की योजना बनाई है। यह संभावित भेंट वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका को और स्पष्ट कर सकती है।
भारत-यूक्रेन रिश्तों की नई परिभाषा
इस पूरी बातचीत का सबसे अहम पहलू यह है कि भारत और यूक्रेन के बीच India-Ukraine Ties अब केवल राजनयिक औपचारिकताओं तक सीमित नहीं रहे, बल्कि मानवीय पहलुओं और वैश्विक शांति की दिशा में ठोस संवाद की ओर बढ़ रहे हैं।
🗞️ निष्कर्ष
रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच भारत की भूमिका हमेशा संतुलनकारी रही है। लेकिन पीएम मोदी और जेलेंस्की के बीच हालिया संवाद यह दर्शाता है कि भारत अब केवल ‘श्रोता’ नहीं, बल्कि ‘संवादकर्ता’ की भूमिका में भी खुद को सामने ला रहा है। ऐसे में सितंबर में UNGA के मंच पर दोनों नेताओं की मुलाकात, विश्व राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ सकती है।