लखनऊ, 17 सितम्बर 2025। बारिश भले ही महोत्सव के उत्साह को रोक न पाई, बल्कि कौशल महोत्सव के अंतिम दिन लखनऊ में बेरोजगार युवाओं के चेहरों पर मुस्कान और उम्मीद की नमी साफ झलकती रही। दो दिवसीय Lucknow Kaushal Mahotsav 2025 में जहां 30,387 युवाओं ने पंजीकरण कराया, वहीं 14,400 अभ्यर्थियों ने साक्षात्कार दिया और उनमें से 8,124 युवाओं को रोजगार मिला।
लक्ष्य से ज्यादा मिला रोजगार
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय द्वारा आयोजित इस मेले का लक्ष्य 7,500 युवाओं को नौकरी दिलाना था। लेकिन आंकड़े बताते हैं कि महोत्सव ने उम्मीद से बेहतर नतीजे दिए। कुल 177 कंपनियों ने युवाओं को मौके दिए। चयनित उम्मीदवारों को 13,000 रुपये से लेकर 40,000 रुपये मासिक वेतन और अन्य सुविधाओं का ऑफर लेटर सौंपा गया।
30 से ज्यादा सेक्टरों में खुला रोजगार
महोत्सव में ऑटोमोबाइल, रिटेल, हेल्थकेयर, आईटी, बैंकिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, पर्यटन और कृषि समेत 30 से अधिक क्षेत्रों में कंपनियों ने साक्षात्कार लिए। इसके अलावा 11 सरकारी कंपनियों ने भी अप्रेंटिसशिप के लिए युवाओं का चयन किया।
एमिटी यूनिवर्सिटी की दो छात्राओं—युविका और ऐश्वर्या—को सबसे बड़ा पैकेज मिला। दोनों को 4.80 लाख रुपये वार्षिक वेतन का ऑफर मिला। इसी तरह दिव्यांग अंजली श्रीवास्तव और मड़ियांव की अक्षया, अर्शी, अलीसा, इरम और महेश चंद्र जैसे उम्मीदवारों को 15 से 35 हजार रुपये महीने की नौकरी मिली।
नेताओं की मौजूदगी और युवाओं का आभार
महोत्सव के समापन मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी और भाजपा नेता नीरज सिंह मौजूद रहे। हालांकि बारिश के कारण चयनित युवाओं को मुख्य मंच से नियुक्ति पत्र नहीं मिल सके, लेकिन ऑफर लेटर पाकर उन्होंने नेताओं और सरकार का आभार जताया।
बारिश बनी चुनौती
हालांकि बारिश ने महोत्सव की रौनक में खलल भी डाला। मुख्य पंडाल में पानी भर जाने से साक्षात्कार स्थल तक न तो उम्मीदवार आसानी से पहुंच पाए और न ही कंपनियों के प्रतिनिधि। पहले दिन कीचड़ और गीली मिट्टी से जूझने के बाद पंडाल में मेज और मैट बिछाकर इंतजाम किए गए थे, लेकिन दूसरे दिन की तेज बारिश ने सारे प्रयास ध्वस्त कर दिए। आयोजन स्थल पर तैरते पानी ने व्यवस्था की पोल भी खोल दी।
📰 पत्रकारीय टिप्पणी
Lucknow Kaushal Mahotsav 2025 केवल नौकरी मेले से कहीं ज्यादा साबित हुआ। इसने दिखाया कि अगर अवसर मिले तो उत्तर प्रदेश का युवा किसी भी क्षेत्र में अपनी जगह बना सकता है। बारिश और अव्यवस्था भले ही आयोजन की परीक्षा ले गई हो, लेकिन युवाओं के लिए मिला रोजगार इस महोत्सव को यादगार बना गया।