30 अक्टूबर को उद्घाटन से पहले अंतिम दौर की कवायद, यात्रियों के लिए अभी मुश्किल रहेगा एयरपोर्ट तक पहुंचना
ग्रेटर नोएडा (19 सितम्बर 2025): बहुप्रतीक्षित Noida International Airport का उद्घाटन अब तय तारीख 30 अक्टूबर को होने जा रहा है। केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ने बीते दिनों इस तारीख की औपचारिक घोषणा की थी। इसके बाद से एयरपोर्ट प्रबंधन और यामाहा इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (YIAPL) ने 25 अक्टूबर तक सभी अधूरे कामों को पूरा करने की डेडलाइन तय की है। साइट पर युद्धस्तर पर काम चल रहा है, लेकिन एयरपोर्ट तक पहुंचने की राह अब भी मुश्किल बनी हुई है।
कितना काम हुआ और कितना बाकी
एयरपोर्ट का सिविल कंस्ट्रक्शन लगभग पूरा हो चुका है। रनवे, टैक्सीवे और एयरसाइड इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार हैं। मुख्य टर्मिनल बिल्डिंग खड़ी हो चुकी है और इंटीरियर व फिनिशिंग का काम अंतिम चरण में है। यात्री सुविधाओं जैसे एयरब्रिजेज, बैगेज हैंडलिंग सिस्टम, चेक-इन/चेक-आउट काउंटर और बोर्डिंग गेट्स का ट्रायल भी पूरा कर लिया गया है। एटीसी टावर काफी पहले तैयार हो गया था और बीसीएएस से एयरसाइड इंफ्रास्ट्रक्चर की एनओसी भी मिल चुकी है।
हालांकि, अभी भी कई अहम काम अधूरे हैं। डीजीसीए का संचालन लाइसेंस जारी होना बाकी है, बिना इसके विमानों की आवाजाही संभव नहीं होगी। वॉटर और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट अधूरे हैं। टर्मिनल का इंटीरियर, बैठने की व्यवस्था और टॉयलेट जैसी यात्री सुविधाएं पूरी तरह से तैयार नहीं हुई हैं। इसके अलावा एप्रोच रोड और पार्किंग को भी अंतिम रूप देना बाकी है।
कनेक्टिविटी: सबसे बड़ी मुश्किल
यात्रियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती एयरपोर्ट तक पहुंचने की है। सड़क कनेक्टिविटी फिलहाल यमुना एक्सप्रेसवे पर ही निर्भर है।
- नोएडा सिटी सेंटर से एयरपोर्ट की दूरी 65-70 किमी है, समय लगेगा लगभग 1 घंटा 15 मिनट।
- ग्रेटर नोएडा परी चौक से 35 किमी दूरी, लगभग 40-45 मिनट।
- गाजियाबाद से 90-95 किमी, ट्रैफिक के हिसाब से 2 से 2.5 घंटे।
- दक्षिणी दिल्ली (सरिता विहार/ओखला) से 75-80 किमी, करीब डेढ़ से दो घंटे।
- फरीदाबाद से 65-70 किमी, लगभग डेढ़ से दो घंटे।
- आगरा से 130-135 किमी, करीब दो घंटे (सीधे यमुना एक्सप्रेसवे से)।
विकल्प क्या हैं?
फिलहाल यात्रियों के पास कार और टैक्सी ही मुख्य विकल्प होंगे। पब्लिक ट्रांसपोर्ट की जो योजनाएं बनाई गई थीं, वे उद्घाटन से पहले लागू होना मुश्किल लग रही हैं।
- नोएडा, ग्रेटर नोएडा और दिल्ली से शटल व इलेक्ट्रिक बसों का संचालन प्रस्तावित है, लेकिन 30 अक्टूबर तक इसकी संभावना कम है।
- राज्य परिवहन निगम और अंतरजिला बस कनेक्टिविटी की तैयारी कागजों में है। पांच राज्यों से कनेक्टिविटी का प्लान है, पर ज़मीनी काम नहीं हुआ।
- भविष्य में रैपिड रेल और मेट्रो प्रोजेक्ट्स से एयरपोर्ट जुड़ेंगे, लेकिन इन्हें पूरा होने में सालों लग सकते हैं।
यात्रियों की चिंता, प्रशासन का भरोसा
स्थानीय निवासियों और यात्रियों का कहना है कि एयरपोर्ट का उद्घाटन भले ही तय समय पर हो जाए, लेकिन जब तक कनेक्टिविटी की दिक्कत दूर नहीं होगी, तब तक यह सुविधा आधी-अधूरी ही साबित होगी। वहीं, प्रशासन का दावा है कि चरणबद्ध तरीके से परिवहन व्यवस्था सुधारी जाएगी और उद्घाटन के बाद धीरे-धीरे नई सेवाएं जोड़ दी जाएंगी।