नोएडा/ग्रेटर नोएडा (19 अगस्त 2025): उत्तर प्रदेश की हाईटेक सिटी नोएडा और ग्रेटर नोएडा में घर खरीदने का सपना अब जोखिम भरा दांव बन चुका है। यहाँ रियल एस्टेट सेक्टर में Noida Real Estate Scam का जाल फैल चुका है, जिसमें अवैध कॉलोनाइजर और निजी फाइनेंस कंपनियां मिलकर हजारों बायर्स की मेहनत की कमाई पर चोट कर रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक, दो लाख से अधिक खरीदार अब भी अपने वाजिब घर की राह देख रहे हैं।
1000 करोड़ का मुनाफे का खेल
सूत्र बताते हैं कि अवैध कॉलोनाइजरों ने नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) के साथ गठजोड़ कर 1031 करोड़ रुपये का अतिरिक्त मुनाफा कमाने का प्लान तैयार किया है। यह पैसा सीधे-सीधे उन बायर्स की जेब से जाएगा, जो बिना सोचे-समझे प्रोजेक्ट्स में निवेश कर रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इन प्रोजेक्ट्स के पास न तो नक्शे की मंजूरी है और न ही अथॉरिटी से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC)।
बैंक से लोन नहीं, महंगा लोन एनबीएफसी से
बैंक ऐसे प्रोजेक्ट्स को लोन देने से साफ इनकार कर रहे हैं। नतीजा यह है कि खरीदारों को मजबूर होकर NBFCs से ही लोन लेना पड़ रहा है, जो बैंकों की तुलना में करीब 4% महंगा है। इसका सीधा मतलब है कि 15 साल में बायर्स को लगभग 4800 करोड़ रुपये चुकाने पड़ेंगे, जबकि यही रकम बैंक से लोन लेने पर करीब 3773 करोड़ होती। यानी खरीदारों की गाढ़ी कमाई से 1000 करोड़ से ज्यादा की अतिरिक्त वसूली।
अवैध निर्माण और पर्यावरण पर खतरा
नोएडा-ग्रेटर नोएडा में लगभग 2000 अवैध कॉलोनाइजर सक्रिय हैं। इनमें से कई जल और वायु कानून का उल्लंघन करते हुए फ्लैट निर्माण कर रहे हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने भी इस पर सख्त आपत्ति जताई है और अथॉरिटी, प्रदूषण बोर्ड और बिजली निगम से जवाब तलब किया है। फिर भी, कार्रवाई की रफ्तार धीमी है।
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