शासन ने एडेड स्कूलों पर कसा शिकंजा, शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए कड़ा आदेश
लखनऊ (Tue, 23 Sep 2025) – उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अब Manav Sampada Portal पर आवश्यक सूचनाएं उपलब्ध न कराने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों का वेतन रोका जाएगा। शासन ने सख्ती दिखाते हुए अंतिम तिथि 25 सितंबर तय की है। अगर इस तारीख तक विवरण पोर्टल पर अपडेट नहीं किए गए तो संबंधित कार्मिकों को इस महीने का वेतन नहीं मिलेगा।
यह आदेश मुख्य रूप से अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक और प्राथमिक विद्यालयों के लिए जारी किया गया है। बताया जा रहा है कि कई प्रबंधक अब तक पोर्टल पर जरूरी डाटा अपलोड करने से बचते आ रहे थे। मुख्यमंत्री कार्यालय तक शिकायत पहुंचने के बाद अब शासन ने कड़ा रुख अपनाया है।
एडेड स्कूलों में हड़कंप
सरकारी चेतावनी के बाद एडेड विद्यालयों में हड़कंप मच गया है। शिक्षकों और कर्मचारियों का ब्योरा अपलोड करने की जिम्मेदारी विद्यालय प्रबंधन की है, लेकिन बार-बार के निर्देशों के बावजूद लापरवाही बरती जा रही थी।
अब शासन ने साफ कर दिया है कि बिना पोर्टल पर विवरण उपलब्ध कराए वेतन भुगतान नहीं होगा। यह कदम उन विद्यालयों के लिए झटका है, जहां वर्षों से डिजिटल व्यवस्था को गंभीरता से नहीं लिया गया।
किन सूचनाओं को पोर्टल पर अपडेट करना जरूरी
विद्यालयों को अपने सभी शिक्षकों और शिक्षणेतर कर्मचारियों के बारे में विस्तृत जानकारी Manav Sampada Portal पर देनी होगी। इसमें नाम, पता, शैक्षिक योग्यता, सेवा रिकॉर्ड, पारिवारिक सदस्यों का विवरण और नॉमिनी तक की जानकारी शामिल है।
गौरतलब है कि राजकीय विद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों का पूरा ब्योरा पहले से ही पोर्टल पर मौजूद है। अब यही व्यवस्था एडेड स्कूलों पर भी लागू की जा रही है, ताकि सभी शिक्षकों का केंद्रीकृत डिजिटल रिकॉर्ड उपलब्ध हो सके।
मुख्यमंत्री कार्यालय की नाराजगी
सूत्रों के अनुसार, लगातार अनदेखी के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी नाराजगी जताई। यही कारण है कि शासन ने वेतन रोकने जैसा कठोर कदम उठाया है। इससे सरकार का मकसद साफ है—डिजिटल पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना।
निष्कर्ष
सरकार का यह निर्णय शिक्षकों और विद्यालय प्रबंधनों के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पारदर्शिता से कोई समझौता नहीं होगा। Manav Sampada Portal पर सूचनाएं अपलोड करना महज औपचारिकता नहीं, बल्कि वेतन से जुड़ा अनिवार्य प्रावधान बन गया है।
25 सितंबर की अंतिम तिथि नजदीक है, और अगर विद्यालयों ने समय रहते जानकारी अपलोड नहीं की, तो हजारों शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन संकट का सामना करना पड़ सकता है।