अपराध दर में बड़ी गिरावट, सांप्रदायिक दंगों का रिकॉर्ड शून्य
लखनऊ (Wed, 01 Oct 2025) – राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की क्राइम इन इंडिया 2023 रिपोर्ट ने उत्तर प्रदेश को लेकर एक अहम खुलासा किया है। आंकड़ों के अनुसार, 2023 में प्रदेश में सांप्रदायिक दंगों की संख्या शून्य रही। यह नतीजा योगी आदित्यनाथ सरकार की कड़ी Zero Tolerance Policy का प्रमाण माना जा रहा है, जिसने राज्य को सामाजिक सौहार्द और शांति का गढ़ बना दिया है।
अपराध दर राष्ट्रीय औसत से 25% कम
रिपोर्ट बताती है कि यूपी की अपराध दर राष्ट्रीय औसत की तुलना में उल्लेखनीय रूप से कम है। देश का औसत अपराध दर जहां 448.3 है, वहीं उत्तर प्रदेश में यह घटकर 335.3 रहा। यह अंतर साफ करता है कि बीते आठ वर्षों में यूपी ने कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर बड़ी छलांग लगाई है।
दंगों के इतिहास से अब तक का सफर
अगर 2012 से 2017 का दौर देखें तो तस्वीर कहीं अधिक भयावह थी। उस दौरान 815 दंगों में 192 लोगों की जान गई, जबकि 2007-2011 के बीच 616 घटनाओं में 121 मौतें दर्ज हुई थीं। इसके उलट, 2017 के बाद प्रदेश में कोई बड़ा दंगा सामने नहीं आया। बरेली और बहराइच में हुई दो हिंसक झड़पों को भी पुलिस प्रशासन ने महज 24 घंटे में शांत करा दिया।
अपराध की श्रेणियों में भी गिरावट
NCRB डेटा के मुताबिक, यूपी अब न केवल दंगों से मुक्त है बल्कि कई अपराध श्रेणियों में भी राष्ट्रीय औसत से काफी नीचे है।
- बलवा (Rioting): देशभर में 39,260 मामले (क्राइम रेट 2.8) दर्ज हुए, जबकि यूपी में केवल 3,160 (क्राइम रेट 1.3) रहे।
- फिरौती के लिए अपहरण (Kidnapping for Ransom): भारत में 615 मामले दर्ज, यूपी में केवल 16।
- डकैती (IPC 395): देशभर में 3,792 घटनाएं, जबकि यूपी में महज 73।
विशेषज्ञ मानते हैं कि इतनी बड़ी जनसंख्या वाले राज्य में अपराध दर का इस स्तर तक घटना “नियर जीरो क्राइम रेट” की श्रेणी में आता है।
योगी सरकार की नीतियां बनीं उदाहरण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार यह दोहराते रहे हैं कि “कानून का राज ही विकास की नींव है”। कठोर कार्रवाई, त्वरित पुलिस प्रतिक्रिया और अपराधियों पर सख्त शिकंजा इस उपलब्धि की सबसे बड़ी वजह मानी जा रही है।
दूसरे राज्यों के लिए मिसाल
कानून-व्यवस्था पर यह सुधार केवल यूपी की उपलब्धि नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक नजीर है। NCRB रिपोर्ट साफ करती है कि योगी सरकार की Zero Tolerance Policy ने अपराध और दंगों पर ऐसा अंकुश लगाया है, जिसकी तुलना देश के अन्य राज्यों में मुश्किल है।