लखनऊ, 12 सितंबर 2025। शिक्षा का अधिकार (Right to Education – RTE) कानून के तहत उत्तर प्रदेश के निजी विद्यालयों में गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों को मिलने वाले मुफ्त दाखिले की प्रक्रिया को लेकर सरकार ने नई जानकारी साझा की है। इस बार UP RTE Admission की प्रक्रिया नवंबर अंत या दिसंबर के पहले सप्ताह से शुरू हो सकती है।
आधार कार्ड होगा अनिवार्य
इस बार नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। आवेदन करने वाले बच्चों का आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में अभिभावकों को सलाह दी जा रही है कि वे समय रहते बच्चों का आधार कार्ड बनवा लें, ताकि आवेदन में किसी तरह की दिक्कत न हो।
प्रदेश में अब तक 1.40 लाख बच्चों का दाखिला
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक प्रदेश में करीब 1.40 लाख बच्चों का दाखिला आरटीई के तहत हो चुका है। वहीं, इस शैक्षणिक सत्र में बची हुई सीटों पर एडमिशन की प्रक्रिया 30 सितंबर तक पूरी कर ली जाएगी।
पांच चरणों में होगी एडमिशन प्रक्रिया
शासनादेश के मुताबिक, इस बार UP RTE Admission को पांच चरणों में पूरा किया जाएगा। पिछले वर्ष आवेदन दिसंबर में शुरू हुए थे, लेकिन इस बार नियमों में संशोधन कर प्रक्रिया को सत्र शुरू होने से चार महीने पहले ही लागू करने का निर्देश दिया गया है।
लगभग सभी निजी स्कूल जुड़े पोर्टल से
एक और अहम बदलाव यह है कि अब प्रदेश के लगभग सभी निजी विद्यालय आरटीई पोर्टल से जुड़ चुके हैं। बताया जा रहा है कि 99 प्रतिशत स्कूलों की मैपिंग पूरी हो चुकी है। यानी अभिभावकों को अब स्कूल खोजने में भी आसानी होगी क्योंकि अधिकतर स्कूल ऑनलाइन पोर्टल पर दिखेंगे।
क्या है RTE का उद्देश्य?
शिक्षा का अधिकार कानून (RTE) के तहत आर्थिक रूप से कमजोर और पिछड़े वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा देने का प्रावधान है। इस योजना से न सिर्फ बच्चों को बेहतर शिक्षा का अवसर मिलता है, बल्कि सामाजिक समानता को भी मजबूती मिलती है।