लखनऊ, 24 सितंबर 2025। उत्तर प्रदेश ने स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में एक नई उपलब्धि दर्ज की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पूरे प्रदेश में मंगलवार को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) के सात साल पूरे होने पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। हर जिले में लगाए गए शिविरों में न केवल योजना के लाभ बताए गए बल्कि पात्र परिवारों को मौके पर Ayushman Card भी प्रदान किए गए।
2018 में शुरू हुई थी योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 सितंबर 2018 को इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की थी। महज सात साल में यह दुनिया की सबसे बड़ी यूनिवर्सल हेल्थ सिक्योरिटी स्कीम बन गई है। इसका उद्देश्य गरीब और वंचित परिवारों को मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं देना है। उत्तर प्रदेश इस योजना के क्रियान्वयन में पूरे देश में सबसे आगे निकल चुका है।
यूपी बना नंबर वन, 5.38 करोड़ लोगों को मिला Ayushman Card
सांची की सीईओ अर्चना वर्मा के अनुसार, प्रदेश में अब तक कुल 9 करोड़ लक्षित लाभार्थियों में से 5.38 करोड़ लोगों को Ayushman Card मिल चुका है। यानी राज्य के 87 प्रतिशत पात्र परिवारों में कम से कम एक सदस्य इस योजना से जुड़ चुका है। यह उपलब्धि न केवल यूपी की मेहनत को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे राज्य सरकार ने इस योजना को जमीनी स्तर तक पहुंचाया है।
नए वर्गों को भी मिल रहा है लाभ
सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (SECC) 2011 के आधार पर तय किए गए पात्र परिवारों के अलावा कई नए वर्गों को भी योजना में शामिल किया गया है। इनमें कुम्भ वर्कर्स, मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के लाभार्थी, NFSA कार्डधारक, पत्रकार, आशा और आंगनवाड़ी वर्कर्स, निर्माण श्रमिक, अंत्योदय परिवार, अत्यंत पिछड़ी जनजातियाँ (PVTG) और 70 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की कि अब प्रदेश के शिक्षक भी योजना का लाभ उठा सकेंगे।
अब तक 74.40 लाख लोगों का निःशुल्क इलाज
प्रदेश में अब तक 74.40 लाख लाभार्थियों को आयुष्मान योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों में मुफ्त इलाज मिल चुका है। इसके लिए सरकार ने 12,283 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। यूपी में सबसे अधिक 6099 अस्पतालों को योजना से जोड़ा गया है, जिनमें 2921 सरकारी और 3088 निजी अस्पताल शामिल हैं।
गंभीर बीमारियों के इलाज में भी मदद
योजना के तहत कैंसर, कार्डियोलॉजी, अंग प्रत्यारोपण, ऑर्थोपेडिक, शिशु कैंसर और प्लास्टिक सर्जरी जैसे महंगे उपचार भी मुफ्त में उपलब्ध कराए जा रहे हैं। अब तक सिर्फ तृतीयक उपचार सेवाओं पर ही 4200 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।
सार्वभौमिक स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में कदम
आयुष्मान भारत–प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना ने साबित कर दिया है कि यह केवल गरीबों की योजना नहीं, बल्कि भारत को यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज की ओर ले जाने वाला सबसे बड़ा अभियान है। यूपी की इस उपलब्धि ने न केवल प्रदेश, बल्कि पूरे देश के स्वास्थ्य मॉडल को नई दिशा दी है।