सरकारी लापरवाही और वित्तीय अनियमितता पर सख्त कार्रवाई
लखनऊ (Sat, 27 Sep 2025) – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वित्तीय अनियमितता और सरकारी लापरवाही के मामले में बड़ा एक्शन लिया गया है। राज्यकर विभाग की सहायक आयुक्त नीलम यादव को निलंबित कर दिया गया है। उन पर आरोप है कि उनके कारण सरकार को UP VAT scam के रूप में 33.11 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हुआ।
नीलम यादव का पंजीयन और आईटीसी से जुड़ा कार्य लापरवाही और त्रुटिपूर्ण तरीके से किया गया। फर्म सर्वश्री पटेल इंटरप्राइजेज, जो राज्य कर खंड 10 लखनऊ की भौगोलिक सीमा में आती है, का पंजीयन उनके नियंत्रण और अधिकार क्षेत्र के बाहर जारी किया गया। इस दौरान उन्होंने पंजीयन सत्यापन, रिटर्न स्क्रूटनी और अन्य दायित्व ठीक से नहीं निभाए, जिससे बोगस व्यापार के अवसर पैदा हुए और राजस्व हानि हुई।
निलंबन और स्थानांतरण
नीलम यादव को निलंबन अवधि में सहारनपुर कार्यालय से संबद्ध किया गया है। यह आदेश शुक्रवार को संयुक्त सचिव राज्य कर रघुवीर प्रसाद ने जारी किया।
इससे पहले भी 12 सितंबर को राज्य कर के छह अधिकारी जीएसटी चोरी में लिप्त पाए गए थे। अलीगढ़ के मंडलायुक्त को उनकी जांच सौंपी गई थी। गौतमबुद्धनगर में छह कर अधिकारियों पर पान मसाला कारोबारियों से मिलीभगत कर 1.50 करोड़ रुपये से अधिक की जीएसटी चोरी का आरोप लगा। विभागीय जांच के आदेश के एक दिन पहले ही सभी संबंधित अधिकारियों को गौतमबुद्धनगर की एसआइबी (विशेष अनुसंधान शाखा) व सचल दल से हटाकर महत्वहीन पदों पर स्थानांतरित कर दिया गया था।
दोषी अधिकारियों की सूची
अधिकारियों में शामिल हैं:
- गौतमबुद्धनगर के तत्कालीन अपर आयुक्त ग्रेड-2, अब मुरादाबाद में तैनात विवेक आर्या
- तत्कालीन संयुक्त आयुक्त गौतमबुद्धनगर, अब उच्च न्यायालय प्रयागराज में आलोक कुमार
- तत्कालीन सहायक आयुक्त सचल दल यूनिट-एक नोएडा, अब उच्च न्यायालय लखनऊ में प्रियंका
- तत्कालीन सहायक आयुक्त सचल दल यूनिट-दो नोएडा, अब टैक्स ऑडिट अयोध्या में रोहित रावत
- तत्कालीन सहायक आयुक्त सचल दल यूनिट-तीन नोएडा, अब उच्च न्यायालय प्रयागराज में वंदना सिंह
- तत्कालीन सहायक आयुक्त सचल दल यूनिट-पांच नोएडा, अब महोबा में शिखा सिंह
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि सरकार सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार और लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी। ऐसे मामलों में सख्त और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।