‘Viksit UP 2047’ अभियान में युवाओं की सबसे ज्यादा भागीदारी, शिक्षा और कृषि पर सर्वाधिक राय
लखनऊ, 29 सितम्बर 2025। योगी सरकार ने जनता से सीधा संवाद कायम करने वाले महत्वाकांक्षी ‘Viksit UP @2047’ अभियान की अवधि बढ़ा दी है। अब यह अभियान 30 अक्टूबर 2025 तक लगातार जारी रहेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यह फैसला लिया गया, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसमें अपनी भागीदारी दर्ज कर सकें और राज्य के विकास की दिशा तय करने में योगदान दे सकें।
अब तक मिले 14 लाख सुझाव
सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक प्रदेश भर से करीब 14 लाख फीडबैक प्राप्त हो चुके हैं। इनमें से लगभग 11 लाख सुझाव ग्रामीण इलाकों से और 3 लाख सुझाव शहरी क्षेत्रों से आए हैं। यह आंकड़ा बताता है कि आमजन, खासकर ग्रामीण समुदाय, इस जनभागीदारी अभियान को गंभीरता से अपना रहा है।
युवाओं ने दिखाई सबसे ज्यादा सक्रियता
सुझाव देने वालों में युवाओं की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा रही।
- 31 वर्ष से कम आयु वर्ग से 6 लाख से अधिक सुझाव मिले,
- 31 से 60 वर्ष के लोगों से लगभग 7 लाख सुझाव,
- जबकि 1 लाख से ज्यादा राय वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष से ऊपर) ने साझा की।
इससे साफ है कि प्रदेश की नई पीढ़ी न केवल भविष्य को लेकर जागरूक है बल्कि नीति निर्माण की प्रक्रिया में भी सक्रिय रूप से अपनी आवाज़ दर्ज कराना चाहती है।
किस क्षेत्र में सबसे ज्यादा राय
विभागवार सुझावों पर नजर डालें तो—
- शिक्षा क्षेत्र में 4.5 लाख से अधिक सुझाव
- कृषि क्षेत्र में 3 लाख से ज्यादा सुझाव
- स्वास्थ्य, समाज कल्याण और ग्रामीण-नगरीय विकास में प्रत्येक 1 लाख से अधिक सुझाव
- आईटी एवं टेक्नोलॉजी और उद्योग क्षेत्र में लगभग 40-40 हजार राय
- सुरक्षा संबंधी विषयों पर 30 हजार से अधिक सुझाव प्राप्त हुए।
ग्राम प्रधानों से भी जुड़ा अभियान
ग्रामीण भागीदारी को और बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर ग्राम प्रधानों के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। ग्राम प्रधानों ने गांवों में लोगों को अभियान से जुड़ने और अपने सुझाव पोर्टल पर दर्ज कराने के लिए प्रेरित किया। सरकार का मानना है कि यह कदम सहभागी शासन (Participatory Governance) की दिशा में एक बड़ी पहल है।
विज़न डॉक्यूमेंट बनेगा जनता की राय पर आधारित
राज्य सरकार का कहना है कि जनता की राय और सुझावों को ध्यान में रखते हुए ‘Viksit UP @2047’ का विज़न डॉक्यूमेंट तैयार किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि यह सिर्फ सुझाव जुटाने की कवायद नहीं है, बल्कि प्रदेशवासियों की आकांक्षाओं को विकास नीतियों में शामिल करने का ऐतिहासिक प्रयास है।