लखनऊ (Tue, 30 Sep 2025) – उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार ने कड़ा कदम उठाया है। राज्य कर विभाग के तीन सहायक आयुक्तों को UP GST Corruption के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। हापुड़ और गोरखपुर के आयुक्तों पर दस्तावेजों की जांच किए बिना जीएसटी पंजीकरण करने और फर्मों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप है।
मामला क्या है?
हापुड़ के तत्कालीन सहायक आयुक्त जितेन्द्र कुमार को निशा इंटरप्राइजेज फर्म का जीएसटी पंजीयन रद न करने के मामले में निलंबित किया गया। इसी मामले में सहायक आयुक्त अभय कुमार पटेल पर भी दस्तावेजों की जांच किए बिना जीएसटी पंजीकरण करने का आरोप है। गोरखपुर के सहायक आयुक्त अजय कुमार ने लकी इंटरप्राइजेज फर्म का पंजीकरण दस्तावेजों की जांच किए बिना कर दिया।
हापुड़ में 27 जुलाई 2023 को तत्कालीन राज्य कर अधिकारी ने स्थलीय भ्रमण के दौरान फर्म का कोई कार्यालय न पाए जाने पर मोबाइल एप्लीकेशन पर पंजीयन रद करने की सिफारिश की थी। बावजूद इसके फर्म का पंजीयन रद नहीं किया गया, और फर्म ने 19,55,08,321 रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) लाभ ले लिया।
गोरखपुर में लकी इंटरप्राइजेज फर्म ने दस्तावेजों की जांच के बिना पंजीकरण कराकर 19,777,419 रुपये का ITC क्लेम पास कराया।
आगे की कार्रवाई
शासन ने दोनों मामलों की जांच कराई, जिसमें प्रारंभिक जांच में तीनों सहायक आयुक्त दोषी पाए गए। उम्मीद की जा रही है कि जांच पूरी होने के बाद और भी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
इस कदम से सरकार का संदेश साफ है: भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई भी स्थिति बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और जनता के टैक्स के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।