नई दिल्ली, 19 अगस्त 2025। उपराष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। सत्तारूढ़ एनडीए ने तमिलनाडु से आने वाले वरिष्ठ नेता सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया है। इसके जवाब में विपक्षी गठबंधन INDIA Bloc भी अपने प्रत्याशी की तलाश में है। सूत्रों की मानें तो इस बार विपक्ष एक ऐसा नाम सामने ला सकता है जो राजनीति से इतर हो और जनता के बीच एक सकारात्मक छवि रखता हो। इसी कड़ी में दो नाम सबसे ज़्यादा सुर्खियों में हैं— महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी और इसरो के पूर्व वैज्ञानिक, जिन्हें देशभर में “Moon Man of India” के नाम से जाना जाता है, डॉ. एम. अन्नादुरई।
कौन हैं Moon Man of India डॉ. अन्नादुरई?
डॉ. एम. अन्नादुरई का जन्म 2 जुलाई 1958 को तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले में हुआ। पढ़ाई के दिनों से ही वे विज्ञान और गणित में गहरी रुचि रखते थे। 1982 में उन्होंने इसरो (ISRO) से अपने करियर की शुरुआत की और जल्दी ही भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की रीढ़ साबित हुए।
- वे चंद्रयान-1 मिशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रहे, जिसने चांद पर पानी की खोज कर भारत का नाम वैश्विक मंच पर ऊँचा किया।
- उन्होंने मंगलयान (Mars Orbiter Mission) की योजना और क्रियान्वयन में भी अहम भूमिका निभाई, जिसे भारत ने बेहद कम लागत पर सफलतापूर्वक पूरा किया।
- 2015 से 2018 तक उन्होंने यूआर राव सैटेलाइट सेंटर (URSC) का नेतृत्व किया और इसरो की कई महत्वपूर्ण सैटेलाइट परियोजनाओं को दिशा दी।
विज्ञान और तकनीक में उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें 2016 में पद्मश्री से सम्मानित किया। आम जनता उन्हें प्यार से “Moon Man of India” कहती है, क्योंकि उन्होंने भारत को अंतरिक्ष विज्ञान में नई ऊँचाई पर पहुँचाया।
विपक्ष क्यों सोच रहा है अन्नादुरई पर?
INDIA Bloc की सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन भी तमिलनाडु से आते हैं। ऐसे में अगर विपक्ष कोई मजबूत और सर्वमान्य नाम नहीं लाता, तो सियासी संदेश गलत जा सकता है। डीएमके, जो गठबंधन का प्रमुख हिस्सा है, चाहती है कि विपक्ष किसी ऐसे उम्मीदवार को उतारे, जो तमिलनाडु में स्वीकार्य हो और राजनीति से परे भी एक बड़ी पहचान रखता हो।
टीएमसी की ओर से संकेत मिले हैं कि वे गैर-राजनीतिक चेहरा देखना चाहते हैं। यही वजह है कि वैज्ञानिक पृष्ठभूमि वाले अन्नादुरई का नाम सबसे मज़बूत दावेदार के रूप में सामने आया है। वहीं, कांग्रेस और वाम दलों को भी लगता है कि उनकी उम्मीदवारी विपक्षी गठबंधन को एकजुट रखने में मदद कर सकती है।
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विपक्षी एकता और चुनौतियाँ
हालांकि विपक्षी एकता आसान नहीं दिख रही। डीएमके अन्नादुरई का नाम आगे बढ़ा रही है, लेकिन कुछ सहयोगी दलों का मानना है कि किसी वरिष्ठ राजनीतिक चेहरे को उम्मीदवार बनाना चाहिए। उधर, ममता बनर्जी की पार्टी चाहती है कि पिछली बार जैसी स्थिति न बने। 2022 में उपराष्ट्रपति चुनाव के दौरान जब जगदीप धनखड़ एनडीए उम्मीदवार थे, तो टीएमसी ने मतदान से दूरी बना ली थी और कांग्रेस ने मार्गरेट अल्वा को प्रत्याशी बनाया था। इस बार INDIA Bloc ऐसी गलती दोहराना नहीं चाहता।
चुनावी गणित किसके पक्ष में?
अगर संसद के संख्याबल पर नज़र डालें तो स्पष्ट है कि इस समय बढ़त एनडीए के पास है। लोकसभा और राज्यसभा मिलाकर उपराष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग सांसदों द्वारा की जाती है और यहां बहुमत सत्तापक्ष के पक्ष में है। ऐसे में भले ही विपक्ष उम्मीदवार खड़ा करे, जीत की संभावना कम है। लेकिन विपक्ष की रणनीति केवल चुनाव जीतने की नहीं बल्कि राजनीतिक संदेश देने की भी है।
YSR कांग्रेस पहले ही एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को समर्थन देने की घोषणा कर चुकी है। ऐसे में INDIA Bloc जानता है कि संख्याओं का समीकरण उसके पक्ष में नहीं है, लेकिन एक गैर-राजनीतिक और सम्मानित चेहरे को उतारकर वह अपनी प्रासंगिकता बनाए रखना चाहता है।
जनता की दिलचस्पी क्यों बढ़ी?
“Moon Man of India” डॉ. अन्नादुरई एक ऐसा नाम हैं, जिनकी छवि साफ-सुथरी है और जिन्होंने विज्ञान व शिक्षा के क्षेत्र में देश का नाम रोशन किया है। अगर उन्हें INDIA Bloc उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाता है, तो यह विपक्ष की ओर से एक अलग तरह का संदेश होगा—कि राजनीति केवल नेताओं तक सीमित नहीं, बल्कि समाज के अलग-अलग क्षेत्रों से भी प्रेरणादायक व्यक्तित्व को आगे लाया जा सकता है।