नई दिल्ली, 21 अगस्त 2025: राजधानी दिल्ली में लावारिस कुत्तों की ज़िंदगी अब और सुरक्षित होने जा रही है। एमसीडी (MCD) ने घोषणा की है कि जल्द ही अलग-अलग इलाकों में Delhi Dog Shelter Homes स्थापित किए जाएंगे। इन शेल्टर होम्स का मकसद न केवल कुत्तों को सुरक्षित ठिकाना देना है, बल्कि उनकी औसत आयु भी 2-3 साल तक बढ़ाना है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जब कुत्ते सड़कों पर भटकते रहते हैं, तो वे सबसे अधिक दुर्घटनाओं और संक्रमणजनित बीमारियों का शिकार होते हैं। लेकिन शेल्टर होम में उन्हें नियमित भोजन, साफ-सुथरा वातावरण और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच की सुविधा मिलेगी। इससे उनकी जिंदगी कहीं अधिक लंबी और स्वस्थ हो सकती है।
डॉक्टरों की राय
एमसीडी के पशु विभाग के पूर्व निदेशक डॉ. वी.के. सिंह ने बताया कि राजधानी में आवारा कुत्तों की औसत उम्र केवल 5-6 साल होती है। इसकी मुख्य वजह सड़क हादसे और संक्रमण हैं। उन्होंने कहा—“अगर इन्हें सुरक्षित शेल्टर में रखा जाए, तो उनकी आयु 8-9 साल तक बढ़ सकती है। पालतू कुत्ते की औसत आयु भी इतनी ही होती है।”
शेल्टर होम्स की सुविधाएँ
एमसीडी अधिकारियों के अनुसार, प्रत्येक शेल्टर होम में पशु चिकित्सक और प्रशिक्षित स्टाफ मौजूद रहेगा। यहां कुत्तों को मिलेगा:
- नियमित टीकाकरण और नसबंदी
- साफ-सुथरा और खुला स्थान
- संतुलित भोजन और पोषण
- बीमार या घायल कुत्तों का प्राथमिक उपचार और रिकवरी निगरानी
- प्रदूषण और ट्रैफिक दुर्घटनाओं से सुरक्षा
एमसीडी ने यह भी बताया कि पहले चरण में दर्जनों शेल्टर होम बनाए जाएंगे, जहां सैकड़ों लावारिस कुत्तों को जगह दी जा सकेगी।
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क्यों ज़रूरी है यह पहल?
विशेषज्ञों का मानना है कि कचरे से खाना खोजने वाले कुत्ते अक्सर वायरस, बैक्टीरिया और परजीवियों के संपर्क में आ जाते हैं। इससे उनकी सेहत तेजी से बिगड़ती है। वहीं ट्रैफिक दुर्घटनाएं उनकी असामयिक मौत की बड़ी वजह बनती हैं। Delhi Dog Shelter Homes इस समस्या का व्यावहारिक समाधान साबित हो सकते हैं, क्योंकि यहां उन्हें एक सुरक्षित और नियंत्रित वातावरण मिलेगा।