लेखपाल डैशबोर्ड के शुभारंभ से मिलेगी तेजी और पारदर्शिता, नागरिकों को नहीं लगाने पड़ेंगे तहसील के चक्कर
लखनऊ, 19 सितम्बर 2025 — उत्तर प्रदेश सरकार ने आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया को और सरल और पारदर्शी बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब यह काम UP Caste Income Residence Certificate Online सिस्टम के ज़रिये होगा। गुरुवार को राजस्व परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार ने सरोजनी नगर तहसील से लेखपाल डैशबोर्ड का शुभारंभ किया।
इस डिजिटल व्यवस्था से प्रदेश के लगभग 22 हजार लेखपाल अब ऑनलाइन ही प्रमाण पत्रों से जुड़े कार्य कर सकेंगे। इससे न केवल आम लोगों का समय बचेगा बल्कि बार-बार तहसीलों के चक्कर लगाने की झंझट भी खत्म होगी।
ऑनलाइन सिस्टम से मिलेगी राहत
अध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि डैशबोर्ड के ज़रिए जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, अंश निर्धारण और वरासत संबंधी कार्य समयबद्ध तरीके से पूरे किए जा सकेंगे। इससे नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी।
उन्होंने कहा कि यह पहल राज्य सरकार की पारदर्शिता और सुशासन की सोच को आगे बढ़ाती है। राजस्व अभिलेखों में अविवादित त्रुटियों को भी लेखपाल अब ऑनलाइन ही ठीक कर सकेंगे।
चरणबद्ध तरीके से बढ़ेंगी सुविधाएं
डैशबोर्ड की शुरुआत फिलहाल बुनियादी प्रमाण पत्रों से हुई है। लेकिन जल्द ही इसके दूसरे चरण में गरीब सवर्ण प्रमाण पत्र, अविवादित वरासत, गांव का नक्शा, भूखंड का नक्शा और स्वामित्व परिवर्तन के बाद राजस्व रिकॉर्ड में नए मालिक का नाम दर्ज करने जैसी सेवाएं भी जोड़ी जाएंगी।
राजस्व परिषद का कहना है कि डैशबोर्ड को जल्द ही IGRS (Integrated Grievance Redressal System) से भी जोड़ा जाएगा, जिससे शिकायत निवारण की प्रक्रिया और तेज़ और आसान हो जाएगी।
नागरिकों की सुविधा पर जोर
राजस्व विभाग के अनुसार, प्रतिदिन लाखों नागरिक प्रमाण पत्र और रिकॉर्ड संबंधी कार्यों के लिए लेखपालों से संपर्क करते हैं। ऐसे में डिजिटल व्यवस्था न केवल लेखपालों को सशक्त बनाएगी, बल्कि नागरिकों की परेशानियां भी काफी हद तक कम होंगी।
सरकार का दावा है कि तहसील संबंधी कामों के डिजिटलीकरण से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि उत्तर प्रदेश के राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली में भी बड़ा सुधार देखने को मिलेगा।