लखनऊ में सेवा पखवाड़ा के तहत हुआ भव्य आयोजन, हजारों युवाओं की उमंग से दौड़ी सड़कों पर नई ऊर्जा
लखनऊ (रविवार, 21 सितंबर 2025) – राजधानी की सुबह आज अलग ही रंग में ढली दिखी। पांच कालीदास मार्ग से लेकर 1090 चौराहे तक सड़कों पर उत्साह का सैलाब उमड़ पड़ा, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने Namo Marathon को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। हजारों युवाओं के कदमों की रफ्तार और जोश ने लखनऊ की फिज़ाओं में एक नया संदेश गूंजाया—“स्वस्थ रहो, नशे से दूर रहो, और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करो।”
यह मैराथन सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसे भारतीय जनता पार्टी 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस के अवसर पर मना रही है। रविवार को उत्तर प्रदेश के 16 महानगरों में एक साथ आयोजित हुई इस दौड़ ने स्वास्थ्य और सामाजिक जागरूकता को नया आयाम दिया।
“भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प”
मैराथन की शुरुआत के बाद मंच से संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवाओं को प्रेरित किया। उन्होंने कहा—“प्रधानमंत्री मोदी का स्पष्ट विश्वास है कि यदि हमारी माताएं-बहनें स्वस्थ होंगी तो देश का हर युवा भी ऊर्जा से भरपूर रहेगा। स्वास्थ्य ही आत्मनिर्भरता का आधार है।”
सीएम ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री का मार्गदर्शक सिद्धांत हमेशा रहा है—भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना। इसी दिशा में रक्तदान शिविर और फिटनेस से जुड़ी विभिन्न गतिविधियाँ सेवा पखवाड़ा के तहत आयोजित की जा रही हैं।
स्वास्थ्य जागरूकता और खेलों की शक्ति
मुख्यमंत्री ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि केवल अपने सपनों तक सीमित न रहें, बल्कि गांव, शहर और समाज के विकास में भी योगदान दें। उन्होंने विश्व योग दिवस, फिट इंडिया मूवमेंट और खेलो इंडिया जैसे अभियानों का जिक्र करते हुए कहा कि “खेल प्रतियोगिताओं और ऐसी मैराथन से न सिर्फ शरीर मजबूत होता है बल्कि समाज में सकारात्मक ऊर्जा भी फैलती है।”
“नशा बनता है विनाश का कारण”
अपने संबोधन में सीएम योगी ने युवाओं को नशीली दवाओं और शराब जैसी बुराइयों से दूर रहने की नसीहत दी। उन्होंने कहा—“आज के युवा जब स्वास्थ्य और फिटनेस कार्यक्रमों से जुड़ते हैं, तो देश आगे बढ़ता है। लेकिन अगर वे नशे की गिरफ्त में आते हैं, तो यह उनका और राष्ट्र दोनों का विनाश कर देता है।”
युवाओं की उमंग, बदलते भारत की तस्वीर
आज की इस Namo Marathon में हजारों युवा दौड़ते नज़र आए। किसी ने इसे फिटनेस की ओर पहला कदम बताया, तो किसी ने इसे देशभक्ति और सेवा की प्रेरणा माना। आयोजन स्थल से लेकर मार्ग के किनारे खड़े दर्शकों ने ताली बजाकर धावकों का उत्साह बढ़ाया।
यह मैराथन केवल एक दौड़ नहीं थी, बल्कि यह उस बदलते भारत की झलक थी, जहां युवा नशे और आलस्य से दूर रहकर ऊर्जा, अनुशासन और सेवा के जरिए राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनना चाहते हैं।