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GST Reform, स्वदेशी अभियान और आर्थिक प्रगति: पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में बताया नए भारत का रोडमैप

On: September 21, 2025
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GST Reform
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राज्यों की साझेदारी और आत्मनिर्भर भारत का संकल्प

नई दिल्ली (Sun, 21 Sep 2025)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में GST Reform को भारत की आर्थिक यात्रा का नया पड़ाव बताते हुए राज्यों की साझेदारी को सबसे अहम करार दिया। उन्होंने साफ कहा कि “हर राज्य को विकास की दौड़ में बराबरी का साझीदार बनाना ही मेरा लक्ष्य है।”

पीएम मोदी ने टैक्स सुधारों के ताज़ा चरण को केवल राजस्व संग्रह का उपाय नहीं बल्कि आर्थिक प्रगति का साझा एजेंडा बताते हुए राज्यों से आग्रह किया कि वे उत्पादन, निवेश और रोजगार सृजन के लिए ठोस माहौल तैयार करें। उनके इस संदेश को ऐसे समय में अहम माना जा रहा है, जब हाल के वर्षों में कई गैर-भाजपा शासित राज्यों और केंद्र सरकार के बीच जीएसटी हिस्सेदारी, केंद्रीय फंड और विधायी मुद्दों को लेकर मतभेद उभरते रहे हैं।

पीएम मोदी का संदेश: “तकरार की कोई जगह नहीं”

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में स्पष्ट कहा कि आर्थिक विकास के पहिए को गति देने के लिए केंद्र और राज्य दोनों को एकजुट होकर काम करना होगा। उन्होंने वैश्विक आर्थिक उथल-पुथल का जिक्र करते हुए चेताया कि जब बड़ी शक्तियां अपने स्वार्थ के लिए स्थापित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्थाओं को तोड़ रही हैं, ऐसे में भारत को एकजुटता और सहयोग के जरिए अपनी राह बनानी होगी।

उन्होंने राज्यों की भूमिका की सराहना करते हुए याद दिलाया कि जीएसटी लागू करते वक्त हर सवाल का समाधान खोजा गया और हर आशंका का निवारण किया गया। “एक देश, एक टैक्स” के सपने को हकीकत में बदलना तभी संभव हुआ जब सभी राज्य इसमें पूरी तरह शामिल हुए।

आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी अभियान पर जोर

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में खासतौर पर आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी अभियान का उल्लेख किया। उन्होंने कहा,
“मेरा आज सभी राज्य सरकारों से आग्रह है कि आत्मनिर्भर भारत के इस अभियान के साथ, स्वदेशी के इस अभियान के साथ, अपने राज्यों में मैन्यूफैक्चरिंग को गति दें। निवेश के लिए माहौल बढ़ाएं। जब केंद्र और राज्य मिलकर आगे बढ़ेंगे तो भारत का हर राज्य विकसित होगा, और भारत विकसित होगा।”

प्रधानमंत्री ने दोहराया कि जीएसटी सुधार सिर्फ कर सुधार नहीं है, बल्कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था को करोड़ों टैक्सों के बोझ से मुक्त करने वाला ऐतिहासिक कदम है।

केंद्र सरकार की अपील और राज्यों की जिम्मेदारी

केंद्र सरकार ने भी स्पष्ट संकेत दिया है कि चाहे श्रम कानून सुधार हों, उत्पादन से जुड़ी परियोजनाएं हों या फिर बुनियादी ढांचे के लिए भूमि आवंटन, राज्यों की भूमिका निर्णायक रहेगी। यही वजह है कि पीएम मोदी का यह संबोधन केवल जीएसटी तक सीमित नहीं था, बल्कि भारत की विकास गाथा में राज्यों की साझेदारी का आह्वान भी था।

विशेषज्ञ मानते हैं कि ताजा GST Reform भारत को कारोबार और निवेश के लिए और आकर्षक बनाएगा। साथ ही यह संदेश भी देगा कि भारत अपने आर्थिक भविष्य को लेकर गंभीर है और राज्यों के बिना विकास का सपना अधूरा है।

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