नई दिल्ली (Mon, 29 Sep 2025)। भारत-पाकिस्तान का मुकाबला हमेशा से क्रिकेट प्रेमियों के लिए किसी त्यौहार से कम नहीं रहा। रविवार को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए Asia Cup 2025 Final ने इस धारणा को और मजबूत कर दिया। उतार-चढ़ाव भरे इस हाई-वोल्टेज मैच में भारतीय टीम ने पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर नौंवी बार खिताब अपने नाम किया।
IND vs PAK: तिलक वर्मा की नाबाद पारी ने पलटा मैच
पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 146 रनों का लक्ष्य रखा था। साहिबजादा फरहान (57 रन) और फखर जमां (46 रन) ने टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई, लेकिन भारतीय स्पिनरों ने बीच के ओवरों में कमाल किया। कुलदीप यादव ने चार विकेट लेकर पाकिस्तान की कमर तोड़ दी और पूरी टीम 19.1 ओवर में ढेर हो गई।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत बेहद खराब रही। अभिषेक (5), कप्तान सूर्यकुमार यादव (1) और शुभमन गिल (12) सस्ते में पवेलियन लौट गए। स्कोरबोर्ड पर मात्र 20 रन पर तीन विकेट गिर चुके थे। ऐसे वक्त पर तिलक वर्मा और संजू सैमसन ने पारी को थामकर भारत को मैच में वापस ला दिया।
संजू 24 रन बनाकर आउट हुए, लेकिन तिलक डटे रहे। उन्होंने 41 गेंदों में अर्धशतक जड़ा और अंत तक नाबाद 69 रन बनाकर टीम को जीत की दहलीज तक पहुंचाया।
IND vs PAK Final का रोमांच: आखिरी ओवर तक सस्पेंस
18वें ओवर तक मैच किसी भी तरफ जा सकता था। शिवम दुबे (33 रन) ने तिलक का बेहतरीन साथ निभाया और रनों का दबाव कम किया। आखिरी ओवर में भारत को 10 रन चाहिए थे। तिलक ने पहली ही गेंद पर छक्का जड़ा और फिर रिंकू सिंह ने चौका लगाकर मैच खत्म किया। रिंकू का ये विजयी शॉट पूरे टूर्नामेंट का सबसे यादगार पल बन गया।
पाकिस्तान की रणनीति फेल, भारत का दबदबा कायम
पाकिस्तान ने पहले 10 ओवर में तेज शुरुआत की थी और एक वक्त लग रहा था कि स्कोर 200 तक जा सकता है। लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने धैर्य से वापसी की। कुलदीप यादव (4 विकेट), वरुण चक्रवर्ती (2 विकेट) और अक्षर पटेल (2 विकेट) ने पाकिस्तानी बल्लेबाजों को टिकने नहीं दिया। जसप्रीत बुमराह ने भी आखिरी ओवर में कमाल किया।
भारत की इस जीत का अलग ही महत्व है। यह पाकिस्तान पर लगातार तीसरी जीत है और साथ ही एशिया कप का नौंवा खिताब। तिलक वर्मा को उनकी नाबाद पारी के लिए ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया।
क्यों ऐतिहासिक है ये जीत?
इस मुकाबले की अहमियत सिर्फ ट्रॉफी तक सीमित नहीं थी। हाल के दिनों में हुए पहलगाम हमले के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ा हुआ था। ऐसे में भारतीय टीम की यह जीत क्रिकेट के मैदान से कहीं आगे जाकर देश के लिए सम्मान और गर्व का पल साबित हुई।