नई दिल्ली, 02 अक्टूबर 2025: महात्मा गांधी की 156वीं जयंती पर गुरुवार को राजधानी दिल्ली का माहौल कुछ अलग ही था। गांधी स्मृति में आयोजित प्रार्थना सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन शामिल हुए। सुबह-सुबह पीएम मोदी राजघाट पहुंचे और बापू की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारत, गांधीजी के दिखाए साहस, सेवा और करुणा के मार्ग पर चलते हुए “विकसित भारत” की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
पीएम मोदी ने गांधीजी के मूल्यों को किया याद
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखते हुए कहा, “Gandhi Jayanti प्रिय बापू के असाधारण जीवन को सम्मान देने का दिन है। उन्होंने दिखाया कि साहस और सरलता बड़े बदलाव के साधन बन सकते हैं। सेवा और करुणा से लोगों को सशक्त बनाने की उनकी सोच आज भी हमें प्रेरित करती है। हम उनके मार्ग पर चलकर विकसित भारत बनाने का प्रयास जारी रखेंगे।”
सभा के दौरान उपस्थित लोगों ने भी गांधीजी के विचारों को याद किया। गांधी स्मृति का वातावरण भजन, प्रार्थना और शांति संदेशों से गूंज उठा।
केंद्रीय गृहमंत्री ने खादी अपनाने की अपील की
इस अवसर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गांधीजी के स्वदेशी आंदोलन और खादी के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने न सिर्फ स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी बल्कि गरीबों और किसानों के जीवन को भी खादी के जरिए सशक्त बनाया। अमित शाह ने देशवासियों से कम से कम सालाना 5,000 रुपये के खादी उत्पाद खरीदने का आग्रह किया। उनके अनुसार यह पहल न केवल ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा देगी बल्कि 2047 तक भारत को दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में शामिल करने के अभियान से भी जुड़ी है।
अहिंसा और सत्याग्रह के प्रतीक
महात्मा गांधी, जिनका जन्म 2 अक्तूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था, दुनिया के इतिहास में अहिंसा और सत्याग्रह के सबसे बड़े प्रवक्ताओं में गिने जाते हैं। ब्रिटिश शासन के खिलाफ उन्होंने अहिंसक प्रतिरोध का जो रास्ता चुना, वह करोड़ों भारतीयों के लिए प्रेरणा का कारण बना। 30 जनवरी 1948 को, आज़ादी के कुछ ही महीनों बाद, गांधीजी की उसी गांधी स्मृति में हत्या कर दी गई थी, जहाँ आज उनकी स्मृति में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई।