गुवाहाटी, 14 सितम्बर 2025: रविवार शाम 4:41 बजे असम और पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों में तेज भूकंप (Earthquake in Assam) के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.8 मापी गई। अधिकारियों ने बताया कि इसका केंद्र असम के उदलगुरी जिले में था और भूकंप की गहराई लगभग 5 किमी थी। झटके न केवल असम बल्कि बंगाल से लेकर भूटान तक महसूस किए गए।
लोग दहशत में घरों से बाहर निकल आए, हालांकि राहत की बात है कि अभी तक किसी जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है।
क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर कुल 7 बड़ी प्लेट्स होती हैं जो लगातार गति करती रहती हैं। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं तो दबाव बनता है। दबाव बढ़ने पर प्लेट्स के किनारे टूटने लगते हैं और भीतर की ऊर्जा बाहर निकलती है। यही ऊर्जा कंपन (seismic waves) के रूप में महसूस होती है, जिसे हम भूकंप कहते हैं।
भूकंप का केंद्र (Epicenter) और तीव्रता (Magnitude)
- केंद्र (Epicenter): वह जगह जहां प्लेटों में हलचल से सबसे ज्यादा ऊर्जा निकलती है।
- तीव्रता (Magnitude): भूकंप की ताकत को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है। यह स्केल 1 से 9 तक होता है।
जितनी अधिक तीव्रता, उतना ज्यादा नुकसान।
भूकंप की तीव्रता और असर (Richter Scale Impact)
- 0 से 1.9 – सिर्फ सीस्मोग्राफ पकड़ सकता है।
- 2 से 2.9 – हल्का कंपन।
- 3 से 3.9 – पास से ट्रक गुजरने जैसा असर।
- 4 से 4.9 – खिड़कियां टूट सकती हैं।
- 5 से 5.9 – फर्नीचर हिल सकता है। (आज असम में यही श्रेणी रही)
- 6 से 6.9 – इमारतों की नींव दरक सकती है।
- 7 से 7.9 – इमारतें गिर सकती हैं।
- 8 से 8.9 – बड़े पुल और इमारतें गिर सकती हैं, सुनामी का खतरा।
- 9 और उससे ज्यादा – तबाही, धरती लहराते हुए दिख सकती है।
असम और पूर्वोत्तर क्यों हैं संवेदनशील?
पूर्वोत्तर भारत हाई सिस्मिक जोन (Seismic Zone V) में आता है। यहां प्लेट टेक्टोनिक गतिविधियां ज्यादा होती हैं, इसलिए असम और पड़ोसी राज्यों में भूकंप का खतरा हमेशा बना रहता है।