गोरखपुर (Thu, 02 Oct 2025) – विजयदशमी के पावन पर्व पर गुरुवार शाम गोरखनाथ मंदिर से गोरक्षपीठाधीश्वर की परंपरागत Victory Procession निकली, जो आस्था और उल्लास की लहरों पर सवार होकर पूरे शहर में फैली। महंत की पगड़ी में सवार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस शोभायात्रा के माध्यम से न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक संदेश भी दिया।
धार्मिक आस्था और सामाजिक एकता का संदेश
गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में निकली इस Victory Procession को विभिन्न समुदायों ने खुले दिल से स्वागत किया। अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने भी उत्साहपूर्वक रथ को पुष्प वर्षा कर अभिनंदन किया। रथ पर सवार गोरक्षपीठाधीश्वर ने लोगों को आशीर्वाद देते हुए उनके मंगलमय जीवन की कामना की। शोभायात्रा के मार्ग पर मुस्लिम, सिंधी और बुनकर समाज ने एकजुटता और सामाजिक सद्भाव का उदाहरण प्रस्तुत किया।
“गोरक्षपीठ मत, मजहब के विभेद से परे सभी को मानव मात्र के नजरिये से देखता है,” चौधरी कैफुलवरा ने बताया, जो उर्दू अकादमी के निवर्तमान अध्यक्ष हैं और वर्षों से गोरक्षपीठाधीश्वर का स्वागत करते आए हैं।
रथ यात्रा का विहंगम दृश्य
शाम सवा चार बजे गोरखनाथ मंदिर से निकलते ही Victory Procession ने पूरे शहर का मन मोह लिया। नाथपंथ के पारंपरिक वाद्ययंत्र—नागफनी, तुरही, नगाड़े और डमरू—की धुन के बीच बाल कलाकारों के करतब शोभायात्रा की भव्यता में चार चाँद लगा रहे थे। रास्ते के दोनों ओर श्रद्धालु भाव विभोर नजर आए, जबकि संस्कृति विभाग के कलाकार विभिन्न लोक प्रस्तुतियों से शोभायात्रा का अभिनंदन कर रहे थे।
मुस्लिम और बुनकर समाज ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया, जबकि सिंधी समाज ने भी मानसरोवर मार्ग पर जोरदार अभिनंदन किया। रथ के मार्ग पर महिलाएं और बच्चे मोबाइल में तस्वीरें और वीडियो बनाते हुए उत्सव का हिस्सा बने।
मानसरोवर मंदिर में महादेव का अभिषेक और श्रीराम का राजतिलक
शोभायात्रा मानसरोवर मंदिर पहुंची, जहां गोरक्षपीठाधीश्वर ने देवाधिदेव महादेव सहित अन्य देव विग्रहों की वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना की। महादेव का अभिषेक करने के बाद, सीएम योगी आदित्यनाथ ने रामलीला मैदान में प्रभु श्रीराम का राजतिलक किया। उन्होंने माता जानकी, लक्ष्मण और हनुमानजी की पूजा-अर्चना कर आरती उतारी, जिससे पूरे वातावरण में धार्मिक उमंग और भक्तिभाव का अद्भुत संगम देखने को मिला।
गोरक्षपीठाधीश्वर की अगुवाई वाली यह Victory Procession केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि समाज में भाईचारा और समरसता का संदेश भी लेकर आई। पूरे रास्ते में लोगों का उत्साह आकाश छू रहा था और हर नजर इस भव्य यात्रा की ओर केंद्रित थी।