बहराइच (09 सितम्बर 2025) – नेपाल में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुआ Gen-Z आंदोलन मंगलवार को नेपालगंज तक पहुंच गया। विरोध इतना उग्र हो गया कि प्रशासन को भीड़ काबू करने के लिए फायरिंग करनी पड़ी। हालात बिगड़ने पर भारत-नेपाल सीमा को 24 घंटे के लिए सील कर दिया गया है। सीमा पर चौकसी और गश्त बढ़ा दी गई है।
कैसे भड़का आंदोलन?
सुबह से ही धंबोजी चौक, बीपी चौक और नगरपालिका कार्यालय के बाहर हजारों की संख्या में युवा जुट गए। हाथों में तख्तियां लिए वे सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
- युवाओं ने सड़क पर टायर जलाए और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया।
- सुरक्षा बलों द्वारा रोकने की कोशिश पर झड़प शुरू हो गई।
- सेना और एपीएफ (Armed Police Force) ने हालात काबू में लाने के लिए हवाई फायरिंग की।
- प्रदर्शनकारियों ने और उग्र होकर सड़कें जाम कर दीं।
देर शाम तक नेपालगंज की गलियां पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच अखाड़ा बनी रहीं। कई लोगों के घायल होने की खबर है, हालांकि आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं हुई है।
भारतीय सीमा पर सख्ती
नेपालगंज में बवाल बढ़ते ही एसएसबी और स्थानीय पुलिस ने भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी।
👉 पुलिस क्षेत्राधिकारी प्रद्युम्न सिंह ने बताया कि आने-जाने वाले हर व्यक्ति की सघन तलाशी की गई। बिगड़े हालात को देखते हुए सीमा को 24 घंटे के लिए सील कर दिया गया।
👉 बहराइच एसपी रामनयन सिंह ने कहा कि रुपईडीहा, सुजौली, मोतीपुर और नवाबगंज थानों को अलर्ट पर रखा गया है। लगातार गश्त और निगरानी बढ़ा दी गई है ताकि अशांति भारत की सीमा में न फैल सके।
सीमावर्ती परिवारों की चिंता
हिंसा की खबरों ने भारतीय सीमा से सटे गांवों के लोगों की चिंता बढ़ा दी है। रुपईडीहा के अनिल कुमार, लक्ष्मीचंद और विजय कुमार जैसे कई परिवारों के रिश्तेदार नेपालगंज में रहते हैं। संचार सेवाएं बाधित होने से संपर्क टूट गया है और परिवारजन अपनों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
हालात पर नजर
नेपालगंज में जारी यह विरोध न केवल नेपाल सरकार के लिए चुनौती बन गया है, बल्कि भारत की सुरक्षा एजेंसियां भी पूरी तरह अलर्ट मोड पर हैं। फिलहाल सीमा सील है और प्रशासन ने अपील की है कि लोग अफवाहों से बचें।