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SC के फैसले से 98 लाख शिक्षकों की नौकरी खतरे में, Teacher Eligibility Test पर देशव्यापी आंदोलन की तैयारी

On: September 26, 2025
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Teacher Eligibility Test
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RTE संशोधन रद्द करने की मांग, जंतर-मंतर पर विशाल प्रदर्शन की चेतावनी

लखनऊ (Fri, 26 Sep 2025)। सुप्रीम कोर्ट द्वारा Teacher Eligibility Test (TET) को अनिवार्य करने के फैसले ने देशभर के शिक्षकों की नींद उड़ा दी है। नौकरी की सेवा सुरक्षा को लेकर अब एक बड़ा संघर्ष खड़ा होने जा रहा है। इसी कड़ी में शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित केंद्रीय कार्यालय शिक्षक भवन में सर्वसम्मति से अखिल भारतीय शिक्षक संघर्ष मोर्चा का गठन किया गया। इस मंच का मकसद है—देशभर के अलग-अलग शिक्षक संगठनों को एकजुट कर सामूहिक लड़ाई लड़ना।

बैठक का आह्वान अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने किया था, जिसमें विभिन्न राज्यों से आए पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। इसमें तय हुआ कि टेट की अनिवार्यता के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन छेड़ा जाएगा।

RTE संशोधन निरस्त करने की मांग

बैठक के दौरान उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनय तिवारी ने कहा कि 2017 में शिक्षा अधिकार अधिनियम (RTE) में किए गए संशोधन ने लाखों शिक्षकों की सेवा सुरक्षा पर तलवार लटका दी है। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार तत्काल इस संशोधन को निरस्त करे, ताकि देशभर के शिक्षकों की नौकरी सुरक्षित रह सके।

पदाधिकारियों के मुताबिक, टेट की अनिवार्यता से अकेले उत्तर प्रदेश में लगभग 1.86 लाख शिक्षक, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर करीब 98 लाख शिक्षकों की नौकरी खतरे में है। यही वजह है कि अब संघर्ष को नई दिशा देने की तैयारी है।

सुप्रीम कोर्ट में याचिका और देशव्यापी दौरा

संघ ने यह भी घोषणा की कि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की जाएगी। साथ ही, राष्ट्रीय और प्रांतीय स्तर के नेता अलग-अलग राज्यों का दौरा कर शिक्षकों को एक मंच पर लाने का प्रयास करेंगे। संगठन का मानना है कि जब तक सभी शिक्षक एकजुट नहीं होंगे, तब तक सरकार को झुकाना आसान नहीं होगा।

जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की चेतावनी

बैठक में तय हुआ कि 3 अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक पूरे देश में संगठन के जिलाध्यक्ष और मंत्री स्थानीय स्तर पर शिक्षकों के साथ मिलकर प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन स्थानीय सांसदों को सौंपेंगे। यदि केंद्र सरकार ने ठोस कदम नहीं उठाए, तो संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान दिल्ली के जंतर-मंतर पर विशाल प्रदर्शन किया जाएगा।

शिक्षक नेताओं का कहना है कि “यह लड़ाई सिर्फ नौकरी बचाने की नहीं, बल्कि शिक्षा व्यवस्था की आत्मा को बचाने की भी है।”

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