अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में कार्यक्रम, विशेष सिक्का और डाक टिकट भी हुआ जारी
नई दिल्ली (Wed, 01 Oct 2025) – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संघ की ऐतिहासिक यात्रा और योगदान को याद करते हुए कहा कि “संघ ने कभी कटुता नहीं दिखाई”। प्रधानमंत्री ने आरएसएस को अनादि राष्ट्र चेतना का पुण्य अवतार बताते हुए इसे भारत की चुनौतियों का सामना करने वाली निरंतर सक्रिय शक्ति बताया।
‘RSS Centenary’ पर जारी हुआ विशेष सिक्का और डाक टिकट
अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने एक विशेष सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया। उन्होंने कहा कि यह पहला सिक्का है, जिस पर भारत माता की तस्वीर अंकित है, जो राष्ट्र की एकता और आत्मा का प्रतीक है।
आरएसएस के खिलाफ साजिशों का जिक्र
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने बताया कि आरएसएस के 100 वर्षों की यात्रा राष्ट्र साधना का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या के बाद संघ के खिलाफ साजिशें रची गईं और तत्कालीन सरसंघचालक गुरू गोलवलकर को जेल भेजा गया। लेकिन इसके बावजूद संघ ने समाज के प्रति कोई बैर-भाव नहीं रखा।
उन्होंने गोलवलकर के उस उदाहरण को भी साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा था – “कभी-कभी दांत के बीच आकर जीभ कट जाती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि दांत तोड़ दिए जाएं। जीभ भी मेरी है और दांत भी मेरे।”
‘हम समाज से अलग नहीं’
पीएम मोदी ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि संघ के लिए हमेशा देश पहले रहा है। डॉ. हेडगेवार और कई कार्यकर्ताओं ने स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भागीदारी की थी और कई बार जेल भी गए। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान संघ ने अनेक सेनानियों को संरक्षण और सहयोग दिया।
सामाजिक समरसता पर जोर
प्रधानमंत्री ने सेवा भारती, विद्या भारती, एकल विद्यालय और वनवासी कल्याण आश्रम जैसी संस्थाओं के कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि संघ ने हमेशा समाज को जोड़ने का प्रयास किया है। सामाजिक भेदभाव को उन्होंने हिंदू समाज की सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि “अगर छुआछूत पाप नहीं तो दुनिया में कोई पाप नहीं।” यह बाला साहब देवरस की स्पष्ट घोषणा थी। वर्तमान सरसंघचालक मोहन भागवत के “एक कुआं, एक मंदिर और एक श्मशान” के लक्ष्य का भी उन्होंने जिक्र किया।
सरकार और संघ, दोनों चुनौतियों से लड़ रहे
पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत के सामने बाहरी निर्भरता, सामाजिक विभाजन और जनसांख्यिकीय बदलाव जैसी चुनौतियां हैं। सरकार इनसे निपटने के लिए काम कर रही है और खुशी की बात यह है कि आरएसएस ने भी इन समस्याओं से निपटने का अपना रोडमैप तैयार किया है।