नई दिल्ली (मंगलवार, 16 सितम्बर 2025) – केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखा गया 2047 का विकसित भारत का विजन तभी साकार हो सकता है, जब देश पूरी तरह Drug-Free India की दिशा में आगे बढ़े। शाह मंगलवार को राजधानी दिल्ली में आयोजित राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) प्रमुखों के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने किया।
गृह मंत्री ने साफ कहा कि मोदी सरकार नशे के खिलाफ निर्णायक जंग लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने चेताया कि यदि युवा पीढ़ी ड्रग्स की गिरफ्त में आ गई, तो राष्ट्र की नींव कमजोर हो जाएगी। “युवा किसी भी देश की असली ताकत हैं। अगर यही ताकत नशे की दलदल में खो जाएगी, तो हम 2047 का सपना कभी पूरा नहीं कर पाएंगे,” शाह ने कहा।
ड्रग्स और विकास का सीधा संबंध
शाह ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि किसी भी राष्ट्र की प्रगति और ड्रग्स की समस्या के बीच गहरा संबंध है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से, भारत के आसपास दुनिया के सबसे बड़े दो ड्रग्स आपूर्ति क्षेत्र मौजूद हैं, जिससे चुनौती और गंभीर हो जाती है। इसलिए भारत को इस मोर्चे पर वैश्विक स्तर पर नेतृत्व करना होगा।
ड्रग्स के तीन स्तर के कार्टेल
गृह मंत्री ने ड्रग्स नेटवर्क की गहराई से पड़ताल करते हुए बताया कि तीन तरह के कार्टेल सबसे ज्यादा सक्रिय हैं—
- वे कार्टेल जो देश के एंट्री पॉइंट्स पर काम करते हैं।
- वे नेटवर्क जो राज्यों तक सप्लाई को नियंत्रित करते हैं।
- और वे छोटे स्तर के गिरोह जो मोहल्लों और दुकानों तक ड्रग्स पहुंचाते हैं।
शाह ने कहा कि इन तीनों स्तरों पर समान रूप से चोट करना जरूरी है, तभी नशे के कारोबार की जड़ें काटी जा सकेंगी।
विदेशी तस्करों और जेल से चल रहे नेटवर्क पर शिकंजा
गृह मंत्री ने यह भी कहा कि ड्रग्स तस्करी में शामिल विदेशों में बैठे अपराधियों को भारत लाकर कानून के शिकंजे में कसना अब अनिवार्य हो गया है। उन्होंने ANTF प्रमुखों से अपील की कि वे सीबीआई के साथ समन्वय बढ़ाकर एक मजबूत प्रत्यर्पण तंत्र तैयार करें। शाह ने यह भी संकेत दिया कि गृह मंत्रालय जल्द ही एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी करेगा ताकि उन अपराधियों पर भी कार्रवाई हो सके जो जेलों के भीतर से ही नशे का कारोबार चला रहे हैं।
4,794 करोड़ की जब्त ड्रग्स नष्ट
सम्मेलन के दौरान अमित शाह ने देशभर में जब्त की गई लगभग ₹4,794 करोड़ मूल्य की ड्रग्स को नष्ट करने की प्रक्रिया का शुभारंभ भी किया। उन्होंने बताया कि NCB जीएसटी विभाग, राज्य ड्रग्स नियंत्रकों, आयकर विभाग और वित्तीय संस्थानों के साथ मिलकर एक साझा अभियान चला रही है ताकि पूरे ड्रग्स नेटवर्क की असल तस्वीर सामने लाई जा सके।
समाज की भागीदारी भी जरूरी
अमित शाह ने जोर देकर कहा कि यह लड़ाई केवल सरकार की नहीं है, बल्कि पूरे समाज की है। “अगर हम सभी मिलकर आगे बढ़ें तो नशा-मुक्त भारत का सपना दूर नहीं,” उन्होंने कहा। शाह ने इस बात पर बल दिया कि प्रधानमंत्री मोदी का विजन है कि 2047 तक भारत हर क्षेत्र में दुनिया का नंबर वन राष्ट्र बने और इसमें सबसे बड़ी भूमिका युवा पीढ़ी निभाएगी।
निष्कर्ष: युवा ही ताकत, Drug-Free India ही लक्ष्य
अमित शाह का संदेश साफ था—भारत का भविष्य युवाओं के हाथों में है और उनकी ऊर्जा नशे से मुक्त रहे, तभी भारत विकसित राष्ट्र बन सकेगा। उन्होंने कहा कि यह केवल सरकारी एजेंसियों का काम नहीं है, बल्कि समाज के हर वर्ग की जिम्मेदारी है कि वह Drug-Free India की इस मुहिम को अपना कर्तव्य माने।